भोपाल में गिर के शेरों का आगमन, गुजरात में बाघों की होगी मेहमाननवाज़ी: 16 साल बाद समझौता तय
Madhya Pradesh and Gujarat on the exchange of lions and Tigers: मध्य प्रदेश और गुजरात के बीच 16 साल बाद शेरों और बाघों की अदला-बदली पर सहमति बन गई है। जिसके बाद गुजरात के गिर से शेरों को भोपाल लाया जा रहा है, जबकि मध्य प्रदेश से बाघों को गुजरात भेजा जा रहा है। ऐसे में अब गुजरात के शेरों की दहाड़ एमपी में सुनाई देगी और एमपी के बाघ भी नजर आ सकेंगे। दरअसल, इस मुद्दे पर पिछले 16 सालों से चर्चा हो रही थी, जिस पर अब सहमति बन गई है।
भोपाल के वन विहार में लाए जाएंगे शेर
भोपाल के वन विहार पार्क में गिर शेर लाए जा रहे हैं, जिसमें एक नर और एक मादा शेरनी शामिल है। शेरों के इस जोड़े को लाने के लिए भोपाल वन विहार पार्क की टीम जूनागढ़ पहुंच गई है, बताया जा रहा है कि ये 21 दिसंबर की शाम को भोपाल आ सकते हैं। भोपाल के वन विहार में शेरों के हिसाब से तैयारियां भी पूरी कर ली गई हैं। जिसके लिए पूरी टीम तैनात की जाएगी।
एनिमल एक्सचेंज के तहत लाए जा रहे शेर
एनिमल एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत गुजरात के जूनागढ़ से शेर का जोड़ा लाया जा रहा है। एनिमल एक्सचेंज प्रोग्राम जानवरों के एक्सचेंज के तहत होता है, जहां एक राज्य के वन्यजीवों को दूसरे राज्य में लाया जाता है। जिसके तहत मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ नेशनल पार्क से बाघों का जोड़ा गुजरात के जूनागढ़ भेजा गया है। ऐसे में अब दोनों राज्यों के पर्यटक इन वन्यजीवों को आसानी से देख सकेंगे।
2006 से चल रहे थे प्रयास
बता दें कि मध्य प्रदेश और गुजरात के बीच शेरों और बाघों की अदला-बदली के प्रयास 2006 से चल रहे थे। लेकिन 16 साल बाद इस बार दोनों राज्यों के वन्यजीव विभागों के बीच सहमति बन पाई। बताया जा रहा है कि पहले गुजरात ने बूढ़े शेरों की जगह युवा बाघ मांगे थे, इसलिए यह प्रस्ताव पास नहीं हो सका था। लेकिन बाद में अब इस मुद्दे पर दोनों राज्यों के बीच मामला सुलझ गया है।
क्यों मशहूर हैं गुजरात के शेर
गुजरात का गिर भारत में एशियाई शेरों का एकमात्र घर है, जो ग्रेटर लंदन से भी छोटा इलाका है। दक्षिण अफ्रीका के अलावा दुनिया में यही एक ऐसी जगह है, जहां शेरों को उनके प्राकृतिक आवास में रहते हुए देखा जा सकता है। एशियाई शेर अफ्रीकी शेरों से थोड़े छोटे होते हैं। एशियाई शेर की सबसे खासियत उसकी खाल होती है। ऐसे में भोपाल के वन विहार में इन शेरों के हिसाब से माहौल बनाया गया है, ताकि वे यहां सुरक्षित और आराम से रह सकें।