भोपाल: झूठा शपथ पत्र लगाकर नौकरी पर लगा था पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा, वेतन - भत्ते की वसूली की तैयारी में सरकार
झूठा शपथ पत्र लगाकर नौकरी पर लगा था पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा
भोपाल, मध्यप्रदेश। आरटीओ के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा की नियुक्ति में भी गड़बड़ी सामने आई है। जांच - पड़ताल में खुलासा हुआ है कि, सौरभ शर्मा ने झूठा शपथ पत्र लगाकर नौकरी पाई थी। अब सरकार RTO के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा से वेतन और भत्ते की वसूली कर सकती है।
दरअसल, सौरभ शर्मा को उसके पिता डॉ. राकेश कुमार शर्मा के निधन के बाअद अनुकंपा नियुक्ति मिली थी। परिवहन विभाग में नियुक्ति के लिए सौरभ शर्मा के परिजनों ने षड्यंत्र रचा। सौरभ शर्मा का बड़ा बेटा छत्तीसगढ़ में सरकारी नौकरी करता है यह तथ्य छिपाकर नौकरी पाई गई।
सौरभ शर्मा की मां ने शपथ पत्र में बड़े बेटे के सरकारी नौकरी में होने की बात छिपाई थी। शपथ पत्र में यह कहा गया था कि, बड़ा बेटा अपने परिवार के साथ छत्तीसगढ़ में रहता है और वो सरकारी नौकरी में नहीं है।
छापेमारी के दौरान सौरभ शर्मा से जुड़े कई दस्तावेज जांच एजेंसी के हाथ लगे थे। उन्हीं के आधार पर पता चला है कि, करोड़ों रुपए की काली कमाई करने वाले सौरभ शर्मा की नियुक्ति में भी अनियमितता है।
परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक और सैकड़ों करोड़ के घोटाले के मास्टरमांग सौरभ शर्मा के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी किया था। बीते दिनों जांच एजेंसी द्वारा की गई छापेमारी में सौरभ शर्मा के ठिकानों से करोड़ों रुपए की संपत्ति और सोना चांदी बरामद हुई थी। इसके बाद ईडी ने मामला दर्ज किया था।
जानकारी के अनुसार आयकर विभाग द्वारा पूर्व आरक्षक के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी किया गया है। इसके बाद एयरपोर्ट पर ही सौरभ शर्मा को गिरफ्तार किया जा सकेगा। बताया जा रहा है कि, छपेमारी से पहले ही सौरभ शर्मा दुबई रवाना हो गया था।
लोकायुक्त और आयकर विभाग द्वारा सौरभ शर्मा के खिलाफ जांच की जा रही है। छापेमारी में सौरभ शर्मा के ठिकानों से करोड़ों रुपए की संपत्ति मिली थी। लोकायुक्त की छापेमारी के बाद अब ईडी ने भी इस केस में एंट्री कर ली है। सौरभ शर्मा और उसके दोस्त चेतन सिंह गौर के खिलाफ ईडी ने केस दर्ज कर लिया है। सौरभ शर्मा के परिजनों को भी जांच के दायरे में लाया जा रहा है।