स्‍वदेश विशेष: क्‍या मध्‍यप्रदेश के विकास में नई उड़ान साबित होगी डॉ. मोहन यादव की 'विदेश' की 'निवेश' यात्रा?

क्‍या मध्‍यप्रदेश के विकास में नई उड़ान साबित होगी डॉ. मोहन यादव की विदेश की निवेश यात्रा?
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डॉ. दीपक राय, रिसर्च लेखक। मध्य प्रदेश सरकार 24 नवंबर से 30 नवंबर 2024 तक विदेश दौरे पर है। विपक्षी दलों के नेता इसे 'घूमने फिरने' वाली यात्रा कह रहे हैं। मैं इसे 'विदेश' की बजाय 'निवेश' यात्रा की संज्ञा देना चाहूंगा।

6 दिन ही य़ात्रा के पहले पड़ाव में यू.के. में सीएम डॉ. मोहन यादव निवेशकों और वहां की सरकार का हिस्सा रहने वाले प्रभावशाली लोगों से मुलाकात की है। इसका प्रभाव 27 नवंबर को दिखाई भी दिया।

उद्योगपतियों ने आईटी सेक्टर,एआई, सेमी कंडक्टर के क्षेत्र में निवेश के लिए ईच्छा जाहिर भी की है। यह सब बातें 'आन द कैमरा' हैं। फरवरी-2025 में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में सभी एमओयू किये जाने पर सहमति बनी है।

ब्रिटिश सांसद लॉर्ड रमिन्दर रेंजर ने भारत की तारीफ में कहा है कि यूरोप और यूएसए की ग्रोथ की अपेक्षा भारत में 8% से ज्यादा की ग्रोथ मौजूद है। भारत को लोकतांत्रित देश बताते हुए रेंजर ने तो यहां तक कह दिया कि भारत में इन्वेस्ट किया गया धन सेफ है।

अन्य सांसद लॉर्ड कुलवीर रेंजर ने मध्य प्रदेश को उभरता हुआ राज्य करार दिया है। सीएम डॉ. मोहन यादव ने निवेशकों के साथ की वन-ऑन-वन मीटिंग्स करके उनसे सुझाव भी लिये। एसआरएएम व एमआरएएम ग्रुप के सीईओ और चेयरमैन और सेमीकंडक्टर सेक्टर के बड़े निवेशक डॉ. शैलेष हीरानंदानी ने एमपी में सेमीकंडक्टर सेक्टर में 25 हजार करोड़ रुपये के भारी—भरकम निवेश की इच्छा जाहिर की है।

अगर वे निवेश करते हैं तो उनकी पांच महाद्वीपों में फैली कृषि उत्पाद, सेमीकंडक्टर रिसर्च और एआई जैसे क्षेत्रों में सक्रिय कंपनियां हमारे लिए 'सोने पे सुहागा' साबित होंगी। यू.के. के स्टील किंग प्रमोद मित्तल ने भी एमपी में बड़े निवेश का भरोसा जताया है।

जो कई साल पहले भारत से इंग्लैंड में आकर बस गए और यहां विभिन्न क्षेत्रों में बहुत अच्छा काम कर रहे हैं, ऐसे कई भारतवंशियों से भी सीएम लंदन में मिले हैं। हम जानते हैं— प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी प्रवासी भारतीयों से अपनी जड़ों से जुड़ने की ओर आगे बढ़ने का आहृवान किया है। यही अपील सीएम डॉ. मोहन यादव ने भी की।

मुख्यमंत्री द्वारा विदेशी निवेशकों, एनआरआई, ब्रिटिश सांसदों, भारतीय उच्चायोग को निमंत्रण देने वाली इस निवेश यात्रा के सकारात्मक परिणाम फरवरी-2025 में भोपाल में प्रस्तावित 'ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट' में सामने आ सकते हैं।

हमें यह जान लेना चाहिए कि अमेरिका हो या जर्मनी, या फिर जापान ही क्यों न हो? सभी के विकास का मूल आधार वहां के उद्योग धंधे ही हैं।

13 दिसंबर 2024 को अपने कार्यकाल का पहला वर्ष पूर्ण कर रहे डॉ. मोहन यादव ने इस एक साल में निवेश के लिए कई प्रयास किये हैं। इतने कम समय में एमपी में 5 रीजनल इन्वेस्टर्स समिट (आरआईसी) और देश के 4 बड़े महानगरों में 'इन्वेस्टमेंट अर्पोच्यूनिटीज इन मध्यप्रदेश' इन्टरैक्टिव सेशन, रोड शो कर चुके हैं।

एमपी को एक साल के भीतर ही 2 लाख 75 हजार करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव मिल चुके हैं, जिनसे 3 लाख 53 हजार से अधिक रोजगार सृजित हो सकेंगे। अब विदेश यात्रा की बात कर लें। जो लोग इस यात्रा को "फिजूल खर्ची और मौज मस्ती की यात्रा" कह रहे हैं उन्हें एक बात समझ लेनी चाहिए।

एक बेहतर प्रशासक की पहचान ही यह है कि वह 'कुंए का मेंढ़क' बनकर न रह जाये। एक अच्छे शासक को, देश दुनिया में क्या चल रहा है इसका प्रथम दृष्ट्या जमीनी अनुभव होना चाहिए। अगर डॉ. मोहन विदेश गए हैं तो यह माना जाना चाहिए कि वे उस देश की यात्रा के दौरान, वहां के तौर-तरीके, वहां की संभावनाएं, उन देशों से नवाचार सीखकर आएंगे।

इतिहास गवाह है- दुनिया की तरक्की, एक दूसरे देशों की अच्छी बातों और नवाचारों को ग्रहण करने के कारण हुई है। इस यात्रा से जहां इन्वेस्टमेंट की राह खुलेंगी, वहीं प्रदेश के विकास के लिए नई वह दृष्टि मिलेगी।

आधुनिक दौर में मध्य प्रदेश के विकास के लिए यह यात्रा आगे उपयोगी सिद्ध होगी। यू.के. और जर्मनी नगर-नियोजन, सभ्यता, औद्योगिक तरक्की और ट्रैफिक व्यवस्था मध्य प्रदेश में अपनाने योग्य है। आने वाले समय में यह मध्य प्रदेश में भी अपनाए जा सकते हैं।

मुझे तो ऐसा लगता है कि 'सरकारों' को लगातार इस तरह देश और विदेशों के विकसित इलाकों का दौरा करते रहना चाहिए, क्योंकि सुनने की बजाए 'यात्रा' करके लिया गया अनुभव ज्यादा असरकारक होगा। यह निवेश यात्रा मध्य प्रदेश के लिए फलदायी होगी! फिलहाल हमें यही उम्मीद करनी चाहिए।

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