भोपाल में IPS मीट का शुभारंभ: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव बोले - परेशानी के समय भगवान नजर आती है पुलिस

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव बोले - परेशानी के समय भगवान नजर आती है पुलिस
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भोपाल में IPS मीट का शुभारंभ

Bhopal IPS Meet : मध्य प्रदेश। भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में IPS मीट का शुभारंभ किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने इस कार्यक्रम में पुलिस की सराहना की। उन्होंने यह भी कहा कि, पोलिसिंग डंडों से नहीं होती। हमने संवेदनशील भी होना होगा। परेशानी के समय लोगों को पुलिस भगवान नजर आती है।

उन्होंने कहा कि, "यह एक दूसरे के अनुभव साझा करने का सही मंच है। यह मीटिंग एक तरह से एक कार्यशाला है। एक साथ बैठकर एक तरह से प्रशिक्षण ही हो रहा है। यहां हम खुलकर अपनी बात रख सकते हैं। सच्चे अर्थों में मीट का मतलब है एक - दूसरे के नजदीक आना। यह अलग बात है जब हमारी सोच संकीर्ण हो जाती है तो हम प्रेम का अर्थ प्रेमी - प्रेमिका के बीच ही समझते हैं। वास्तव में प्रेम तो प्रकृति से लेकर सभी से किया जा सकता है।"

"यह सच है कि, सिविल सेवा के लोग काम करते हैं लेकिन पुलिस सेवा के लोग 24 घंटे काम करते हैं। यहां जांच और कार्रवाई भी तत्परता से होती है। जब सभी सीमायें बंद हो जाती है तो लोग पुलिस के पास जाती है। परेशानी के समय पुलिस भगवान नजर आती है। आज कल इतनी तरह की चीजें आ रही हैं कि, पुलिस का दायरा बढ़ गया है। कुछ संभाले तो लोग बुरा भी मान जाते हैं। मैं प्रधानमंत्री को धन्यवाद देता हूँ। हमारे यहां गांव में...कभी - कभी डिग्री का अहम हो जाता है लेकिन कुछ ऐसे लोग भी हैं जिनके पास डिग्री नहीं है लेकिन उनका ज्ञान बहुत है।"

"हमने हमारी कई आदिवासी जनजाति को आपराधिक घोषित कर रखा था। हमें गुलाम बनाने वाले लोगों ने उनके साथ ऐसा किया। वास्तव में इन जनजातियों के लोग बहुत कलाकार होते थे।" मुख्यमंत्री ने इस कार्यक्रम में कॉन्स्टेबल का अर्थ पूछा। उन्होंने बताया कि, कॉन्स्टेबल भी अधिकारी ही है। जब तक वह सेवा में है वह जवान ही है।

भोपाल में आयोजित दो दिवसीय भारतीय पुलिस सेवा (IPS) समागम 2025 का शुभारंभ कर अधिकारियों को सम्मानित किया गया।

सीएम यादव ने यह भी कहा कि, 'आइपीएस मीट 2025 अंतर्गत मध्यप्रदेश पुलिस के सभी वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा मॉडल वर्किंग पर आधारित इस कार्यशाला में क्राइम कंट्रोल की आधुनिक तकनीक पर जोर दिया जाएगा। मध्यप्रदेश पुलिस अपने कर्तव्यों का निष्ठा से पालन कर रही है, भयमुक्त वातावरण बनाना ही हमारा मूलमंत्र है। निश्चित ही इस प्रयास से अपराधमुक्त प्रदेश के संकल्प को नई गति मिलेगी।'

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