डेयरी प्रोडक्ट की फर्जी लैब रिपोर्ट: जयश्री गायत्री फूड प्रोडक्ट्स कंपनी की जांच में ED ने भी ली एंट्री, EOW में शिकायत के बाद हुआ था खुलासा

जयश्री गायत्री फूड प्रोडक्ट्स कंपनी की जांच में ED ने भी ली एंट्री, EOW में शिकायत के बाद हुआ था खुलासा
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जयश्री गायत्री फूड प्रोडक्ट्स कंपनी की जांच में ED ने भी ली एंट्री

Jayshree Gayatri Food Products Company ED Raid : मध्यप्रदेश। जय श्री गायत्री फूड प्रोडक्ट्स कंपनी की चर्चा अब पूरे देश में हो रही है। यहां डेरी प्रोडक्ट में चर्बी और अन्य तरह की मिलावट कर प्रोडक्ट तैयार किए जाने की शिकायत लंबे समय से हो रही है। इस कंपनी का विवादों से पुराना नाता रहा है। कभी करोड़ों रुपए का जुर्माना तो कभी EOW का छापा...अब ईडी भी इस मामले में शामिल हो गई है।

बताया जा रहा है कि, जय श्री गायत्री फूड प्रोडक्ट्स कंपनी के मालिक किशन मोदी के ठिकानों पर ईडी ने दबिश दी है। ईडी अधिकारी राजेंद्र प्रसाद मोदी के ठिकानों पर भी जांच कर रहे हैं। ईडी की टीम ने मध्यप्रदेश के तीन जिलों - भोपाल, सीहोर और मुरैना में एक साथ दबिश दी है।

जय श्री गायत्री फूड प्रोडक्ट्स कंपनी से निकलने वाले कचरे से किसान तो परेशान थे ही साथ ही साथ आम नागरिक भी लंबे समय से उत्पाद के मिलावटी होने की शिकायत कर रहे थे। जिस समय तिरुपति मंदिर में चर्बी वाले प्रसाद का मामला सामने आया उसी समय यह मुद्दा एक बार फिर चर्चा का विषय बन गया था।

EOW ने की थी छापेमारी :

जानकारी के अनुसार 31 जुलाई 2024 को सीहोर में स्थित जयश्री गायत्री फूड प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के पांच ठिकानों पर छापेमारी की गई थी। यह कंपनी दूध से बने प्रोडक्ट बनाती है। आरोप लगाया गया था कि, डेयरी प्रोडक्ट की फर्जी रिपोर्ट तैयार कर मिलावटी प्रोडक्ट विदेश भेजा जाता था। यह कंपनी लंबे समय तक 27 देशों में अपने मिलावटी प्रोडक्ट बेधड़क भेजती रही वो भी फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर।

यह मामला कभी उजागर भी न होता अगर सामाजिक कार्यकर्ता भगवान सिंह राजपूत इस मामले की शिकायत EOW में न की होती। जब EOW को लैब टेस्ट रिपोर्ट से साथ शिकायत की गई तो छापेमार कार्रवाई शुरू हुई थी। EOW की छापेमारी में ही यह खुलासा हो गया था कि, यह कंपनी फर्जी सर्टिफिकेट से अपने प्रोडक्ट विदेश भेज रही थी। इससे सरकार भी भारी राजस्व घाटा हो रहा था।

प्रतिबंधित कैमिकल का उपयोग करने का भी आरोप :

EOW को ही गई शिकायत में कहा गया था कि, यह कंपनी अपने उत्पाद बेचने के लिए फर्जी सर्टिफेट तो तैयार कर ही रही है साथ ही साथ प्रतिबंधित कैमिकल का उपयोग कर दूध, पनीर, मक्खन आदि बना रही है। यह कंपनी चार लाख लीटर दूध को प्रोसेस करती थी और 25 मीट्रिक टन पनीर बनाया करती थी।

मिल्क मैजिक नाम से करती थी प्रोडक्ट की सेलिंग :

EOW जांच में ही सामने आ गया था कि, यह कंपनी मिल्क मैजिक नाम से प्रोडक्ट की सेलिंग करती थी। कंपनी ने पहले सरकारी मान्यता प्राप्त लैब से फर्जी रिपोर्ट बनवाई थी। इसके बाद इन रिपोर्ट्स के आधार पर इंदौर स्थित निर्यात नियंत्रण अभिकरण से अवैध हेल्थ सर्टिफिकेट जारी कराए थे।

किसानों ने भी की थी शिकायत :

इस कंपनी से निकलने वाले कचरे से फसल और पानी भी दूषित हो रहा था। इस संबंध में किसानों ने शिकायत की थी। हर बार यह कंपनी बच जाती थी लेकिन शिकायतें बढ़ने पर प्रशासन को कार्रवाई करने के लिए मजबूर होना पड़ा। एक बार प्रदूषण कण्ट्रोल यूनिट ने कलेक्टर को इस कंपनी को बंद करने के आदेश भी दिए थे। 19 जनवरी 2022 को कंपनी का उत्पादन रुकवा दिया गया था। इसके अलावा इस कंपनी पर 1 करोड़ 20 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया था।

ईओडब्ल्यू ने इस कंपनी के डायरेक्टर किशन मोदी समेत चार लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की थी। अब इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय की एंट्री हो गई है। मामले में और भी खुलासे हो सकते हैं।

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