न्याय का इंतजार: MP में नाबालिगों के रेपिस्ट को नहीं हुई फांसी, अदालतों में अब तक हजारों केस पेंडिंग
MP में नाबालिगों के रेपिस्ट को नहीं हुई फांसी, अदालतों में अब तक हजारों केस पेंडिंग
MP Minor Rape Case : मध्यप्रदेश। बीते कई समय से मध्यप्रदेश में नाबालिगों के साथ दुष्कर्म के कई मामले सामने आए हैं। बच्चों की सुरक्षा को लेकर विपक्ष ने सरकार को कई बार घेरा है। अब जो आंकड़े सरकार द्वारा जारी किए गए हैं उन्होंने तमाम दावों की पोल खोल दी है। आंकड़ों से पता चला है कि, नाबालिगों से रेप के एक भी आरोपी को अब तक फांसी की सजा नहीं हुई है। यही नहीं अदालतों में कई हजार केस पेंडिंग है।
दरअसल, कांग्रेस विधायक बाला बच्चन ने विधानसभा में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से पूछा था कि, जबलपुर उच्च न्यायालय, खण्डपीठ इंदौर उच्च न्यायालय एवं खण्डपीठ ग्वालियर उच्च न्यायालय में नाबालिग दुष्कर्म के कितने प्रकरण विचाराधीन है? इनमें वे प्रकरण अलग से बताएं जिनमें नाबालिग दुष्कर्म के पश्चात हत्या के प्रकरण भी शामिल है? ऐसे प्रकरणों की जानकारी भी देवें जिनमें संबंधित न्यायालय ने फांसी की सजा दी है। ऐसे मामले भी बताएं जो तीनों उच्च न्यायालयों में लंबित है। ऐसे प्रकरणों के शीघ्र निराकरण के लिए विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई है प्रकरण अनुसार जानकारी दें? क्या इस संबंध में मुख्यमंत्री ने विगत 1 वर्ष में कोई निर्देश या आदेश जारी किए है? यदि हाँ, तो उसकी प्रमाणित प्रति दें।
कांग्रेस विधायक के इन सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने बताया है कि, मध्यप्रदेश हाई कोर्ट में नाबालिगों से दुष्कर्म के 4928 मामले पेंडिंग हैं। इनमें से 64 ऐसे मामले हैं जिनमें आरोपी ने नाबालिग की रेप के बाद हत्या कर दी। बताया गया है कि, कई मामलों में आरोपी जमानत पर हैं।
सरकार द्वारा जारी किये गए आंकड़े जबलपुर, ग्वालियर और इंदौर बेंच है। सरकार ने बताया है कि, ट्रायल कोर्ट द्वारा नाबालिगों से रेप के 11 आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई गई है। गौरतलब है कि, किसी भी दोषी को फांसी नहीं हुई है।
जारी आंकड़ों के अनुसार, नाबालिग से कुल 5243 मामलों में से 2650 मामलों में आरोपी जेल में हैं। इसका मतलब 50 प्रतिशत (2593) मामले ऐसे हैं जिनमें आरोपी जमानत पर बाहर हैं। बता दें कि, सरकार द्वारा जारी आंकड़े 22 नवंबर 2024 तक के हैं।
MP हाई कोर्ट की किस बेंच के समक्ष कितने रेप (नाबालिग) के मामले पेंडिंग :
हाई कोर्ट की प्रिंसिपल बेंच जबलपुर में कुल 3031 मामले लंबित हैं। इनमें से 64 मामलों में पीड़ित की हत्या कर दी गई। इन्हीं में से 6 ऐसे मामले हैं जिन पर ट्रायल कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है।
इंदौर बेंच के सामने रेप के 1284 मामले लंबित हैं। इनमें से 14 ममलों में पीड़िता की हत्या कर दी गई थी। 2 ऐसे मामले हैं जिन पर ट्रायल कोर्ट फांसी की सजा सुना चुका है।
ग्वालियर बेंच के सामने 631 मामले लंबित है। 14 मामलों में रेप के बाद हत्या हुई है। इसके अलावा 3 ऐसे मामले हैं जिन पर ट्रायल कोर्ट फांसी की सजा सुना चुका है।