MP Fake Doctors: MP में फर्जी डॉक्टरों की पहचान के लिए अभियान चलाएगी मोहन सरकार, सीएम ने कहा - एक्शन में देरी नहीं होगी

सीएम डॉ. मोहन यादव
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सीएम डॉ. मोहन यादव 

Campaign to identify fake doctors in MP : भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार ने पूरे राज्य में फर्जी डॉक्टरों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई करने का अभियान शुरू करेगी। यह बात सीएम डॉ मोहन यादव ने दमोह मामले के बाद कही है। दमोह में फर्जी डॉ. द्वारा किए गए इलाज के चलते सात लोगों की मौत हो गई थी। जब यह मामला उजागर हुआ तो CMHO द्वारा देर रात शिकायत दर्ज करवाई गई। फिलहाल NHRC द्वारा मामले की जांच की जा रही है।

सीएम मोहन यादव ने कहा, "घटना की जानकारी सबको है और हमारी सरकार इस पर सख्त कार्रवाई कर रही है। आपने देखा होगा कि ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण परिस्थितियों में हमारी सरकार ने लगातार भारत सरकार के साथ मिलकर काम किया है। अगर कोई कमी, गलती या तथ्य छिपाए गए हैं तो हमारी सरकार कार्रवाई करने में देरी नहीं करेगी।"

दमोह फेक डॉक्टर केस :

मध्यप्रदेश के दमोह जिले के मिशन अस्पताल में नरेंद्र विक्रमादित्य यादव नामक एक व्यक्ति ने खुद को लंदन के प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. जॉन कैम बताकर 15 हृदय सर्जरी कीं। इस्सके चलते कई मरीजों की मौत हो गई। सीएमएचओ डॉ. मुकेश जैन और डीएचओ डॉ. विक्रम चौहान ने लापरवाही से हुई मौतों की पुष्टि की है। कलेक्टर सुधीर कोचर ने जांच के लिए विशेष टीम बनाई है और फिलहाल टिप्पणी से इनकार किया है। एनएचआरसी ने भी मामले की जांच शुरू कर दी है।

FIR में 7 'हत्याओं' का कोई जिक्र नहीं :

फर्जी डॉक्टर जॉन कैम के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। उन्होंने मध्य प्रदेश मेडिकल काउंसिल में बिना रजिस्ट्रेशन के मिशन अस्पताल में मरीजों की एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी करके धोखाधड़ी की है। दमोह बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष दीपक तिवारी कहते हैं, "एफआईआर में सिर्फ फर्जी डिग्री का मामला दर्ज है। 7 'हत्याओं' का कोई जिक्र नहीं है। अस्पताल प्रबंधन या अस्पताल के संचालक डॉ. अजय लाल का भी कोई जिक्र नहीं है...इसमें कई ऐसे लोग शामिल हैं। आयुष्मान के तहत प्रशासन को चूना लगाकर लाखों रुपए लिए गए हैं और एफआईआर में ऐसी बातों का कोई जिक्र नहीं है। हम इस मामले की पूरी जांच चाहते हैं, सिर्फ फर्जी डिग्री की नहीं।"

फेक डॉक्टर केस में विपक्ष हमलावर :

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने एक्स पर कहा कि, "जनता को उम्मीद थी व्यापमं के जरिए हुई सरकारी हत्याओं के बाद भाजपा की बेशर्मी कम हुई होगी! लेकिन, भाजपा के पर्ची कल्चर ने फर्ज़ी डॉक्टर को ही बेकसूरों की हत्या करने का लाइसेंस दे दिया! यदि संवेदनाएं जिंदा हैं, तो न्याय कीजिए!"

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