Union Carbide Waste: MP हाई कोर्ट ने सरकार को दी राहत, भ्रामक जानकारी से बिगड़े हालात को संभालने के लिए मांगा था समय

MP हाई कोर्ट ने सरकार को दी राहत, भ्रामक जानकारी से बिगड़े हालात को संभालने के लिए मांगा था समय
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Union Carbide Waste : भोपाल। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने सोमवार को यूनियन कार्बाइड से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई की और सरकार का पक्ष भी जाना। अदालत के सामने सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए और समय की मांग की थी। हाई कोर्ट ने सरकार को राहत देते हुए यूनियन कार्बाइड कचरे के खिलाफ सुरक्षा दिशा-निर्देशों के अनुसार कार्रवाई करने के लिए छह सप्ताह का समय दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई 18 फरवरी को होगी।

अदालत के समक्ष मध्यप्रदेश सरकार ने कहा कि, यूनियन कार्बाइड के कचरे को लेकर भ्रामक जानकारी फैलाई गई। इसी के कारण यह हालत बने और स्थिति बिगड़ी है। इसके चलते 6 सप्ताह का और समय चाहिए।

इसी के साथ मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने मीडिया को यूनियन कार्बाइड के निपटान के बारे में काल्पनिक और फर्जी खबरें न देने का निर्देश भी दिया है।

यूनियन कार्बाइड के कचरे को लेकर सोमवार को मध्यप्रदेश हाई कोर्ट (जबलपुर) में सुनवाई हुई है। इस मामले पर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैथ और जस्टिस विवेक जैन की पीठ ने सुनवाई की। भोपाल गैस त्रासदी के 40 साल बाद यूका का कचरा पीथमपुर में जलाए जाने के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी।

सोमवार को अदालत के समक्ष मध्यप्रदेश सरकार अपना पक्ष रखा। अदालत के आदेश के अनुपालन में भोपाल से कचरा 12 कंटेनर में भरकर पीथमपुर शिफ्ट किया गया था। लोगों के विरोध प्रदर्शन के चलते यह कचरा अनलोड नहीं किया गया है।

याचिकाकर्ताओं का कहना है कि , सरकार ने उन्हें विश्वास में लिए बिना ही कचरे को जलाने का निर्णय लिया है। जबकि सरकार का कहना है कि, अफवाह उड़ाकर लोगों को भ्रमित किया गया है। यह याचिका पहले मध्यप्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर बेंच के समक्ष दायर की गई थी। बाद में यह याचिका जबलपुर ट्रांसफर कर दी गई।

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