MP News: हाई कोर्ट जज विवेक अग्रवाल की रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल को दो टूक, कहा - प्रताड़ित करने के लिए IAS नहीं बनाया

हाई कोर्ट जज विवेक अग्रवाल की रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल को दो टूक, कहा - प्रताड़ित करने के लिए IAS नहीं बनाया
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मध्यप्रदेश। हाई कोर्ट ने रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल को फटकार लगाई है। MP हाई कोर्ट जज विवेक अग्रवाल ने रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल को कानून का पाठ पढ़ाते हुए कहा कि, लोगों को प्रताड़ित करने के लिए आपको आईएएस नहीं बनाया गया। आप लोगों को उनका अधिकार सम्मानपूर्वक प्रदान करें और उनके अधिकारों का सम्मान करें इसलिए आपको अधिकारी बनाया गया है।

दरअसल, अदालत द्वारा रीवा के एक किसान राजेश कुमार तिवारी की पिटीशन पर सुनवाई की जा रही थी। याचिका 14 जुलाई 2015 में दाखिल की गई थी। बीते पांच साल से यह याचिका लंबित है। कलेक्टर के द्वारा उचित जवाब नहीं दिया जा रहा था। इसके चलते 6 जनवरी को हाई कोर्ट जज विवेक अग्रवाल ने रीवा कलेक्टर को अदालत में पेश होने के आदेश दिए थे।

अपनी जगह जूनियर को भेजा अदालत :

हाई कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश के बावजूद रीवा कलेक्टर अदालत में पेश नहीं हुईं। रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल ने अपनी जगह जूनियर को हाई कोर्ट में पेश होने के लिए भेज दिया। अदालत ने जूनियर आईएएस अधिकारी की उपस्थिति को स्वीकार नहीं किया। नाराज हाई कोर्ट जज ने रीवा कलेक्टर को चार घंटे के भीतर अदालत में पेश होने के आदेश दिए।

किसान का कहना था कि, उसकी जमीन को गलत तरह से अधिग्रहित किया गया था। किसान का कहना था कि, उसके घर पर बुलडोजर चलाए जाने और जमीन से बेदखल किए जाने की धमकी दी जा रही है। 1993 में किसान की जमीन अधिग्रहित की गई थी लेकिन 2024 तक भी उसे मुआवजा नहीं दिया गया।

जस्टिस विवेक अग्रवाल ने आईएएस प्रतिभा पाल को फटकार लगाते हुए कहा कि, अच्छी स्टेट अपनी गलती को मानती है और अपने नागरिक और सब्जेक्ट को ड्यू बेनिफिट देती है। आपको कलेक्टर इसलिए नहीं बनाया कि, आप लोगों के अधिकारों का उल्लंघन करें और उनका शोषण करें। इस बात का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।

इस मामले पर अदालत ने 2023 में रीवा कलेक्टर पर दस हजार रुपए की कास्ट लगाई थी। अब मामले का निराकरण नहीं होने पर अदालत ने किसान की जमीन का अधिग्रहण आदेश निरस्त करते हुए कलेक्टर पर दोबारा दस हजार रुपए की कास्ट लगाई है।

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