कला जगत ने खोया अनमोल रत्न: पद्मश्री से सम्मानित शहडोल के लोढा गाँव की बैगा चित्रकार जोधइया बाई का निधन

पद्मश्री से सम्मानित शहडोल के लोढा गाँव की बैगा चित्रकार जोधइया बाई का निधन
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शहडोल, (नवस्वदेश)। पद्मश्री और नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित बैगा चित्रकार जोधइया बाई का 86 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने शहडोल संभाग के लोढ़ा गांव स्थित अपने निवास पर रविवार को अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रही थीं। जोधइया बाई बैगा शहडोल संभाग की पहली और एकमात्र कलाकार थीं, जिन्हें प्रतिष्ठित पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

8 मार्च 2022 को, अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर, तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें महिला सशक्तिकरण के लिए नारी शक्ति पुरस्कार प्रदान किया था। इसके बाद 25 जनवरी 2023 को, गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया। दिवंगत कलाकार जोधइया बाई ने 67 वर्ष की उम्र में चित्रकला की शुरुआत की। उन्हें बैगा चित्रकारी की बारीकियों में निपुणता आर्टिस्ट आशीष स्वामी के मार्गदर्शन में मिली।

उनके अमूल्य योगदान और बैगा संस्कृति को जीवित रखने के प्रयासों के लिए उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त हुई। उनके निधन से कला जगत और विशेषकर बैगा समुदाय में शोक की लहर है।

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जताया शोक, कहा- जनजातीय कला की धरोहर थीं जोधइया बाई

उमरिया जिले के ग्राम लोधा की सुप्रसिद्ध बैगा चित्रकार पद्मश्री जोधइया बाई के निधन पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा, "आज मध्यप्रदेश और देश ने एक ऐसी महान कलाकार को खो दिया है, जिन्होंने जनजातीय संस्कृति, कला, और परंपराओं को अपने चित्रों के माध्यम से देश-विदेश में पहचान दिलाई। उनका समर्पण और जनजातीय चित्रकला के प्रति उनका योगदान सदैव प्रेरणा देता रहेगा।"

मुख्यमंत्री ने बाबा महाकाल से दिवंगत आत्मा की शांति और परिजनों को यह अपार दुःख सहने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की।

।।ॐ शांति।।

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