ICU से बाहर आया मरीज, खुल गई अस्पताल की पोल: रतलाम का गीता देवी अस्पताल बना वसूली सेंटर!

रतलाम का गीता देवी अस्पताल बना वसूली सेंटर!
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रतलाम: मध्य प्रदेश के रतलाम से स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोलने वाला चौंकाने वाला मामला सामने आया है। शहर के गीता देवी अस्पताल में एक व्‍यक्ति का इलाज तो किया जा रहा था, लेकिन इलाज से ज्यादा ध्यान उसके परिजनों से पैसे वसूलने पर था। अस्पताल ने मरीज की हालत को जानबूझकर नाजुक बताया, ताकि परिजन डरकर मोटी रकम अस्पताल को दे दें।

ICU में भर्ती था मरीज, अचानक खुद ही बाहर आ गया

इस मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है, जिसमें पूरा फर्जीवाड़ा सामने आया है। दरअसल, कुछ दिनों पहले एक महिला अपने पति को लेकर गीता देवी अस्पताल पहुंची थी। डॉक्टरों ने शुरुआती जांच के बाद मरीज को ICU में भर्ती कर लिया। कुछ ही देर बाद महिला को बताया गया कि उसके पति की हालत बेहद गंभीर है और उन्हें तुरंत पैसों का इंतजाम करना होगा।

50 हजार रुपये जमा कराने के बाद भी मांगे और पैसे

डरी-सहमी महिला ने तुरंत 50 हजार रुपये अस्पताल में जमा कर दिए, लेकिन अस्पताल का लालच यहीं नहीं रुका। डॉक्टरों ने फिर महिला को बताया कि मरीज की हालत बिगड़ती जा रही है और अब उसे कोमा में बताकर और पैसों की मांग शुरू कर दी। महिला लगातार अस्पताल की बातों पर भरोसा करती रही और अपने स्तर पर पैसों का इंतजाम करती रही।

ICU से बाहर निकलकर खुद मरीज ने खोली सच्चाई

इस पूरे घटनाक्रम में असली ट्विस्ट तब आया, जब महिला का पति अचानक ICU से खुद ही बाहर आ गया। मरीज पूरी तरह होश में था और उसने बताया कि उसकी तबीयत बिल्कुल ठीक है, अस्पताल ने झूठ बोलकर पैसे वसूले हैं।

इस घटना के बाद अस्पताल में जमकर हंगामा हुआ, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल गया।

सरकार ने दिए जांच के आदेश

मामला सोशल मीडिया पर वायरल होते ही लोगों में गुस्सा फूट पड़ा। कई यूजर्स ने अस्पताल प्रशासन पर सख्त कार्रवाई की मांग की। लोगों का कहना है कि इलाज के नाम पर ठगी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। मामला तूल पकड़ता देख प्रशासन ने तत्काल जांच के आदेश जारी कर दिए हैं।

सोशल मीडिया पर क्या बोले लोग?

इस वायरल वीडियो पर लोगों ने तीखी प्रतिक्रिया दी। एक यूजर ने लिखा – “स्वास्थ्य सेवाओं को मुनाफाखोरी का धंधा बना दिया गया है। ऐसे फर्जीवाड़े करने वालों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।” वहीं, दूसरे यूजर ने लिखा – “अस्पतालों की इस मनमानी पर सरकार को सख्त कदम उठाने की जरूरत है। इलाज के नाम पर लूट अब बंद होनी चाहिए।”

रतलाम का ये मामला दिखाता है कि कैसे कुछ निजी अस्पताल लोगों की मजबूरी का फायदा उठाकर इलाज के नाम पर जबरन वसूली करते हैं। ये सिर्फ एक अस्पताल की कहानी नहीं है, बल्कि देशभर में फैले उन अस्पतालों की हकीकत है, जहां मरीजों की जिंदगी से ज्यादा अहमियत पैसों को दी जाती है।

अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कार्रवाई करता है और क्या वाकई दोषियों पर सख्त कदम उठाए जाते हैं या फिर मामला ठंडे बस्ते में चला जाएगा।

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