मप्र पुलिस में जमीनी स्तर पर बड़े बदलाव की तैयारी: एक ही जिले में 10 साल से जमे पुलिस अधिकारी कर्मचारी हटेंगे…
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भोपाल। मप्र पुलिस के इतिहास में पहली बार थाने से लेकर पुलिस मुख्यालय तक बड़े बदलाव की तैयारी है। जल्द ही एक ही जिले में 10 साल से अधिक समय से पदस्थ अधिकारी एवं कर्मचारियों को दूसरे जिलों में पदस्थ किया जाएगा।
इस संबंध में पुलिस मुख्यालय ने सभी पुलिस अधीक्षक, रेंज आईजी समेत अन्य पुलिस कार्यालयों से 7 दिन के भीतर जानकारी तलब की है। पुलिस मुख्यालय के इस पत्र से महकमे में हड़कंप मचा हुआ है।
पुलिस मुख्यालय के अनुसार 10 साल से एक ही जिले में पदस्थ उप पुलिस अधीक्षक, निरीक्षक और उप निरीक्षक स्तर के अधिकारियों की जानकारी बुलाई है। साथ ही कहा है कि कई पुलिस अधिकारी लंबे समय से एक ही जिले में पदस्थ हैं।
ऐसे में उनके द्वारा निष्पक्ष कार्रवाई करने में सवाल उठते हैं। जिलों में लंबे समय से जमे अधिकारी एवं कर्मचारियों की जानकारी बुलाने की पीछे विभाग में बड़ा बदलाव करना है। पुलिस महानिदेशक कैलाश के निर्देश पर प्रशासन शाखा की सहायक पुलिस महानिरीक्षक ने जिलों से अलग-अलग स्तर के अधिकारियों की अलग-अलग जानकारी बुलाई है।
भोपाल - इंदौर के पुलिस वाले होंगे ज्यादा प्रभावित
पुलिस मुख्यालय यदि 10 साल से एक ही जिले में पदस्थ पुलिस अधिकारियों को हटाता है तो सबसे ज्यादा भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, मंदसौर, नीमच एवं रतलाम जिले में पदस्थ पुलिस वाले प्रभावित होंगे।
भोपाल- इंदौर में ही कई पुलिस अधिकारी, थाना प्रभारी हैं जो 15 से 20 साल से पदस्थ हैं। हालांकि चुनावी आचार संहिता के दौरान ये अधिकारी कुछ समय के लिए जिले या जिला पुलिस बल से बाहर गए फिर वापस आ गए। पुलिस मुख्यालय की चली तो भोपाल-इंदौर में ही कई थाना प्रभारियों को हटना पड़ेगा। दोनों शहरों में पदस्थ पुलिस अधिकारियों की अकूत संपत्ति की शिकायतें पुलिस मुख्यालय से लेकर शासन तक पहुंचती रहती हैं।
लोकायुक्त, ईओडब्ल्यू से भी बुलाई जानकारी
10 साल से अधिक समय से जमे पुलिस अधिकारियों की जानकारी लोकायुक्क्त और ईओडब्ल्यू से भी बुलाई गई है। इन दोनों एजेंसियों में कई सहायक उप निरीक्षक, उप निरीक्षक, निरीक्षक स्तर के अधिकारी लंबे समय से पदस्थ हैं। इसी तरह बटालियनों से भी जानकारी बुलाई गई है।
पहली बार उठाया ऐसा ठोस कदम
यूं तो पुलिस मुख्यालय बीच-बीच में 5, 7 या 10 साल से एक ही जिले, कार्यालयों में पदस्थ अधिकारी एवं कर्मचारियों की जानकारी बुलाता रहा है, लेकिन उसके आधार पर लंबे समय से जमे पुलिस वालों को हटाया नहीं जाता है। यदि पुलिस मुख्यालय इस बार लंबे समय से पदस्थ अधिकारियों को दूसरे जिलों में पदस्थ करता है तो पुलिस की मौजूदा व्यवस्था को सुधारने की दिशा में ठोस कदम होगा।