ममिता मेहर मामले की जांच के लिये ओडिशा जाएगी भाजपा की तीन सदस्यीय टीम
नईदिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ओडिशा के कालाहांडी जिले में एक मासूम लड़की की हत्या के मामले का जिक्र करते हुए कहा कि इस प्रकरण में राज्य सरकार के एक मंत्री का नाम आ रहा है, ऐसे में घटना की निष्पक्ष जांच कर सच्चाई सामने लानी चाहिए। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पूरे विषय का संज्ञान लिया है और वे तीन सदस्यीय टीम को ओडिशा भेज रहे हैं। भाजपा की यह टीम यथाशीघ्र पूरे प्रकरण का संज्ञान लेकर रिपोर्ट पेश करेगी।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जेपी नड्डा ने इस पूरे विषय का संज्ञान लिया है और एक तीन सदस्यीय टीम ओडिशा भेज रहे है।
— BJP (@BJP4India) October 26, 2021
हमारी टीम ओडिशा जाएगी और यथाशीघ्र इस पूरे प्रकरण का संज्ञान लेकर रिपोर्ट सबमिट करेगी।
- डॉ. @sambitswaraj pic.twitter.com/FXLdSQ9nUb
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि एक मासूम लड़की के साथ ओडिशा के कालाहांडी जिले में जिस प्रकार का बर्ताव हुआ और हत्या हुई, निर्ममता के साथ उसके शरीर को काट दिया गया। उन्होंने कहा कि भाजपा का मानना है कि राष्ट्र को इस जघन्य हत्या के विषय में पता चलना चाहिए।
जस्टिस फ़ॉरममितामेहर -
उन्होंने कहा कि सभी ने कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर #जस्टिस फ़ॉरममितामेहर नामक एक हैशटैग देखा होगा है। देश विदेश से लोग इस बालिका के साथ जो हमारे बीच नहीं है, उसके साथ खड़े हैं। ममिता मेहर 24 वर्ष की थी और अध्यापिका थी। वह आठ अक्टूबर से लापता थीं। जब पूरे मामले को सामने लाया गया तो मालूम पड़ा कि उसकी हत्या हो चुकी है। उसके शरीर के कटे हुए अंग मिले हैं।
महिलाओं का शोषण -
उन्होंने कहा कि महिला जिस स्कूल में कार्यरत थी, वहां के महिला हॉस्टल में एक सेक्स रैकेट चल रहा था। उसमें मासूम छात्राओं का और अध्यापिकाओं का शोषण हो रहा था। पात्रा ने कहा कि ओडिशा सरकार के एक मंत्री दिब्य शंकर मिश्रा का नाम भी इस प्रकरण में आ रहा है। समय-समय पर स्कूल जाकर महिलाओं का शोषण करना मंत्री के आचरण में था। ऐसी बातें मीडिया में आ रही हैं।
प्राथमिकी दर्ज -
पात्रा ने जानकारी दी कि वहां के पुलिस कर्मियों ने इस मामले पर प्राथमिकी दर्ज कराने से मना कर दिया था।कहीं न कहीं पुलिस जानती थी कि इसमें मंत्री की साख का सवाल है, इसलिए पुलिस एफआईआर दर्ज करने से कतरा रही थी। जब विपक्षी पार्टियों का दबाव पड़ा, तब पुलिस को एफआईआर दर्ज करनी पड़ी।