वंदे भारत ट्रेन का भीषण एक्सीडेंट, इंजन का बाहरी हिस्सा हुआ क्षतिग्रस्त

वंदे भारत ट्रेन का भीषण एक्सीडेंट, इंजन का बाहरी हिस्सा हुआ क्षतिग्रस्त
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मुंबई। मुंबई सेंट्रल और गांधीनगर के बीच चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस गुरुवार को भैंसों के झुंड के रेलवे लाइन पर आने से दुर्घटना का शिकार हो गई। हादसे में ट्रेन का अगला हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। ट्रेन के सभी यात्री सुरक्षित हैं। घटना सुबह 11 बजकर 15 मिनट पर हुई जब वटवा और मणिनगर स्टेशनों के बीच चलती ट्रेन के सामने कुछ भैंसें आ गईं। हादसे के चलते करीब 8 मिनट तक रुकी रहने के बाद ट्रेन गंतव्य के लिए रवाना हुई।

अहमदाबाद रेलवे PRO जीतेन्द्र जयंत के मुताबिक सुबह सवा 11 बजे के करीब ये हादसा हुआ. हादसे के बाद ट्रेन को 20 मिनट रोकना पड़ा. फिलहाल ट्रेन को ठीक करके रवाना कर दिया गया. इस वंदे भारत ट्रेन को 30 सितंबर को हरी झंडी दिखाई गई थी. यह ट्रेन 180 से 200 कीमी/ प्रतिघंटे की रफ्तार पकड़ सकती है। रेलवे प्रवक्ता ने कहा कि रेलवे आस-पास के ग्रामीणों को ट्रैक के पास मवेशियों को न छोड़ने की सलाह दे रहा है।

सरकार की योजना -

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गत 30 सितंबर को गांधीनगर राजधानी और मुंबई सेंट्रल के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस के नए और उन्नत संस्करण को हरी झंडी दिखाई थी। यह देश की तीसरी वंदे भारत ट्रेन है। इससे पहले नई दिल्ली और वाराणसी तथा नई दिल्ली से माता वैष्णो देवी कटरा के बीच वंदे भारत ट्रेनें चल रही हैं। यह ट्रेन गांधीनगर से अहमदाबाद होते हुए मुंबई तक जाती है फिर वापस इसी रूट से होकर गांधीनगर वापस आती है।

आधुनिक सुविधाओं से लैस -

बता दें की सरकार 400 सेमी हाई स्पीड वंदे भारत ट्रेनों को चलाने की योजना पर काम कर रही है। इसके लिए रेल कोच फैक्ट्री में वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों के करीब 1600 डिब्बों का निर्माण करने का फैसला लिया गया है। प्रत्येक कोच के निर्माण में करीब आठ से नौ करोड़ रुपये की लागत आएगी। इस ट्रेन के कोच अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है। इनमें जीपीएस आधारित सूचना सिस्टम, सीसीटीवी कैमरे, वैक्यूम आधारित बायो टॉयलेट, ऑटोमैटिक स्लाइडिंग डोर और हर कोच में चार आपातकालीन पुश बटन हैं।


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