असम में बाढ़ एवं भूस्खलन से अब तक 24 की मौत, 269 राहत शिविरों में 91,518 ने ली शरण

असम में बाढ़ एवं भूस्खलन से अब तक 24 की मौत, 269 राहत शिविरों में 91,518 ने ली शरण
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गुवाहाटी। असम पिछले 11 दिन से भीषण बाढ़ और भूस्खलन का सामना कर रहा है। राज्य में अब तक बारिश और भूस्खलन जनित घटनाओं में 24 लोगों की मौत हो चुकी है। सरकार ने दावा किया है कि बाढ़ एवं भूस्खलन से उपजे हालात में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है।

असम राज्य आपदा प्रबंधन अथाॅरिटी (एएसडीएमए) के आंकड़ों के अनुसार राज्य के कुल 64 राजस्व मंडल और 2,095 गांव बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं से अभी भी प्रभावित हैं। लगभग 7.19 लाख लोग प्रभावित हुए, जिनमें से 91,518 लोग 269 राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं। अस्थाई रूप से खोले गए राहत वितरण केन्द्रों से अन्य प्रभावित आबादी को भी राहत सामग्री वितरित की गई जो राहत शिविरों में आश्रय नहीं ले रही है।

केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के अनुसार सोमवार को सुबह 8 बजे तक कपिली (कामपुर, नगांव और धरमतुल, नगांव में), बराक (बीपी घाट, करीमगंज में) और कुशियारा (करीमगंज में) खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।प्रभावित इलाकों से एनडीआरएफ, भारतीय सेना, नागरिक सुरक्षा, अर्धसैनिक बल, भारतीय वायु सेना, डब्ल्यूआरडी, एसडीआरएफ, अग्निशमन और ईएस कर्मियों, पुलिस, एएसडीएमए के एएपीडीए मित्र, स्वयंसेवकों आदि लोगों को सुरक्षित निकालने में जिला प्रशासन की मदद कर रहे हैं। इन बलों एवं एजेंसियों ने अब तक 26,489 लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाकों से सुरक्षित बाहर निकाला है।

24 लोगों की गई जान -

इस मौसम में (गत 6 अप्रैल से) अब तक कुल 24 लोगों ने बाढ़ और भूस्खलन के कारण अपनी जान गंवाई है। आयुक्त और सचिव, राजस्व और डीएम सह सीईओ, एएसडीएमए ने 22 मई को एक गूगल मीट के माध्यम से पहाड़ी जिलों, बराक घाटी और बीटीआर जिलों में बाढ़ की तैयारी और प्रतिक्रिया का जायजा लिया। भूस्खलन एवं बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित डिमा हसाउ के एनएचएआई के अधिकारियों ने बताया कि जाटिंगा से रेटजावल गांव तक सड़क संपर्क अस्थायी रूप से बहाल कर दिया गया है। अब तक डिमा हसाउ में भारतीय वायु सेना (आईएएफ) की मदद से 25 मीट्रिक टन आवश्यक वस्तुओं को हवाई रास्ते से गिराया गया है।

असम सरकार ने सबसे अधिक प्रभावित कछार और डिमा हसाउ जिलों को अतिरिक्त रूप से दो-दो करोड़ रु. लोगों को मुफ्त राहत जारी करने के लिए जारी किये हैं। होजाई जिला को भी बाढ़ प्रभावित लोगों को मुफ्त राहत प्रदान करने के लिए 3 करोड़ रुपये अतिरिक्त बजट जारी किया गया है।

नुकसान का आंकलन जारी -

एनईएसएसी एवं इसरो के विशेषज्ञों की एक टीम पहले से ही डिमा हसाउ में ड्रोन और उपग्रह डेटा का उपयोग करके तेजी से नुकसान का आकलन कर रही है, ताकि आपदा के बाद की जरूरत के आकलन को बाद में सूचित किया जा सके। कछार, होजाई, नगांव और डिमा-हसाउ जिलों में 20 नावों के साथ एनडीआरएफ की 4 टीम तैनात है जो लोगों को हर संभव मदद पहुंचाने के कार्य में जुटी हुई है।

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