असम : बराक घाटी के तीन जिलों में हुए भू-स्खलन, 22 लोगों की मौत
सिलचर (असम)। राज्य में कोरोना महामारी के बीच लगातार हो रही बरसात की वजह से बाढ़ के साथ भू-स्खलन ने एक बड़ी तबाही का मंजर पेश किया है। बराक घाटी के तीन जिलों कछार में 07, करीमगंज, और हैलाकांदी में भू-स्खलन की चार घटनाओं में 10 बच्चे, 09 महिलाएं, एक बुजुर्ग समेत कुल 22 लोगों की मौत हो गई है। इसके अलावा कुछ लोगों के घायल होने की भी खबर है।
यह हादसा सोमवार की मध्य रात्रि को हुआ लेकिन घटनास्थल दूर-दराज इलाके में होने की वजह से जिला प्रशासन तक घटना की जानकारी मंगलवार की सुबह पहुंची। सूचना मिलते ही मौके पर राहत कार्य के लिए एसडीआरएफ व एनडीआरएफ की टीमों को रवाना किया गया है। हालांकि, राहत टीमों को घटनास्थल पर पहुंचने में अड़चने भी आ रही हैं।
कछार जिलांतर्गत जयपुर क्षेत्र के कलारपारा में लगातार हो रही बरसात के चलते यह भयावह भूस्खलन हुआ। सोमवार रात को घर के अंदर सो रहे कुल 07 लोग जमीन में दब गए जिसके चलते उनकी मौत हो गई। मृतकों में ताज़िर उद्दीन लश्कर (45), आलिया बेगम (20), आलम उद्दीन (18), आरिफ उद्दीन (18), अमोना बेगम (14), सुमना बेगम (12) और रहीम उद्दीन (08) हैं। यह सभी एक ही परिवार के सदस्य बताए गए हैं। इस बीच मंगलवार की सुबह करीब 08 बजे हैलाकांदी जिले में दो स्थानों पर हुए भूस्खलन में सात लोग मारे गए। इसमें चार बच्चे हैं। सात मृतकों में से पांच एक ही परिवार के बताए गए हैं। मृतकों की पहचान कुटन मियां लश्कर (40), उनकी पत्नी जुल्फा बेगम (35) और तीन बेटियों नाज़िरा बेगम (04), हजीरा बेगम (06) और फ़ुतुली बेगम लस्कर (03) के रूप में की गई हैं। इसी गांव के मतीउर्रहमान लश्कर (63) की भी मौत हो गई।
इसी समयावधि में मोहनपुर में भी भूस्खलन हुआ, जिसमें चांदमनी माल नामक एक पांच वर्षीय बच्चे की मौत हो गई। भू-स्खलन में पांच और लोग घायल हो गए। घायलों की पहचान कौसर हुसैन (18), मुस्तकीम हुसैन (01), ममता बेगम (18), बरमनी लश्कर (10) और लल्लन लश्कर (02) के रूप में हुई। करीमगंज जिले के सुदूर करीमपुर क्षेत्र में भी भूस्खलन की घटना घटी जिसमें छह लोगों की मौत हो गई। उनमें से पांच एक ही परिवार से हैं। मृतकों की पहचान अज़ीज़ उद्दीन (57) उनकी पत्नी रजिया बेगम (40) उनके दो बच्चे आफ्तर हुसैन (10) और अमीर हुसैन (06) व इकलौती बेटी ताहेरा बेगम (05) और जोयनाल बीबी (14) के रूप में हुई। मौके पर एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम के पहुंचने से पहले स्थानीय लोगों ने भूस्खलन वाले स्थानों से मिट्टी हटाकर शवों को बाहर निकाल लिया। इस घटना को लेकर पूरे इलाके में शोक व्याप्त है।
मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने इस घटना पर गंभीर शोक व्यक्त किया है। साथ ही कछार, करीमगंज और हैलाकांदी जिला प्रशासन को राहत व बचाव कार्य को तेज करने का निर्देश दिया है। साथ ही घायलों को उन्नत चिकित्सा सेवा मुहैया कराने का भी निर्देश दिया है। साथ ही उन्होंने प्रभावित परिवारों को अतिशीघ्र राज्य सरकार की ओर से एक मुश्त आर्थिक सहायता मुहैया कराने का जिला प्रशासन को निर्देश दिया।