बांग्लादेश के संस्थापक बंगबंधु का हत्यारा चार दशक बाद गिरफ्तार

बांग्लादेश के संस्थापक बंगबंधु का हत्यारा चार दशक बाद गिरफ्तार
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- बंगबंधु की हत्या के बाद दो दशक तक छिपा रहा था कोलकाता में - बांग्लादेश पुलिस ने भारत की खुफिया एजेंसियों और पश्चिम बंगाल पुलिस से संपर्क साधा - अब कोलकाता और राज्य के अन्य हिस्से में माजिद के सहयोगियों की तलाश

कोलकाता। बांग्लादेश के संस्थापक और दुनिया भर के महानतम नेताओं में से एक शेख मुजीबुर रहमान का हत्यारा आखिरकार चार दशक बाद गिरफ्तार हुआ है। बांग्लादेश की पुलिस ने उसे राजधानी ढाका से गत मंगलवार को गिरफ्तार किया था। उसका नाम अब्दुल मजीद है। उससे पूछताछ में पता चला है कि वह बंगबंधु की हत्या के बाद दो दशक तक पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में छिपा रहा था। बांग्लादेश की पुलिस ने भारत की खुफिया एजेंसियों और पश्चिम बंगाल पुलिस के साथ इस बारे में संपर्क साधा है। अब कोलकाता और राज्य के अन्य हिस्से में माजिद के सहयोगियों को भी तलाशा जा रहा है। वह कोलकाता में कहां रहा था और कैसे बांग्लादेश से भागा, इस बारे में भी पता लगाया जा रहा है। 15 अगस्त 1975 को सैनिक तख्तापलट कर तत्कालीन राष्ट्रपति शेख मुजीबुर रहमान की हत्या कर दी गई थी। उसमें माजिद भी शामिल था। इस हत्या के बाद वह फरार हो गया था और छिप छिप कर रह रहा था। उसने बताया है कि अवैध तरीके से सीमा पार कर बंगाल आया था और कोलकाता में छिपकर रह रहा था।

खुफिया एजेंसियों को संदेह है कि इस हत्याकांड से जुड़े और भी कुछ लोग कोलकाता और आसपास के क्षेत्रों में छिपे हो सकते हैं। अब्दुल से पूछताछ कर उन लोगों के बारे में पता लगाने की कोशिश शुरू की जा रही है। राज्य खुफिया विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बांग्लादेश के सुरक्षाकर्मियों ने अनौपचारिक तौर पर माजिद के बारे में जानकारी दी है। कोलकाता में उसके छिपने की जगह और उसके साथियों के बारे में भी चर्चा हुई है। हालात पर निगरानी रखी जा रही है।

उल्लेखनीय है कि शेख मुजीबुर रहमान को बंगबंधु के नाम से जाना जाता है। वह बांग्लादेश के संस्थापक और वहां के प्रथम राष्ट्रपति थे। पाकिस्तान के खिलाफ सशस्त्र संग्राम की अगुवाई करते हुए उन्होंने बांग्लादेश को आजादी दिलाई थी। बाद में वह देश के प्रधानमंत्री भी बने थे लेकिन 15 अगस्त 1975 को सैनिक तख्तापलट कर उनकी हत्या कर दी गई थी। इसके बाद उनकी दो बेटियों में से एक शेख हसीना जर्मनी से दिल्ली आई थीं और 1981 तक दिल्ली में ही रहीं। बाद में बांग्लादेश गई और पिता की राजनीतिक विरासत को संभाला है। वर्तमान में शेख हसीना वहां की प्रधानमंत्री हैं।

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