बंगाल में कोविड-19 टीम की सुरक्षा करेगी बीएसएफ
कोलकाता। कोरोना वायरस के खिलाफ जंग को लेकर केंद्र और ममता सरकार में तनातनी बढ़ती जा रही है। इन दिनों केंद्रीय टीम कोविड-19 की स्थिति का आकलन करने पश्चिम बंगाल पहुंची है। टीम ने राज्य के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा से पूछा है कि राज्य पुलिस का सहयोग नहीं है तो बीएसएफ टीम की सुरक्षा व्यवस्था कर सकती है?
शनिवार को राज्य के मुख्य सचिव को भेजे गए पत्र में केंद्रीय टीम ने यह सवाल उठाया। टीम ने राज्य सरकार के मुख्य सचिव पर केंद्र सरकार के आदेश के उल्लंघन का भी आरोप लगाया है। केंद्रीय टीम को अस्पतालों, क्वारंटाइन सेंटरों और कंटेनमेंट जोन का दौरा करने के दौरान सुरक्षा देने का आदेश दिया गया था, लेकिन वह नहीं मिल रहा है।
इधर केंद्रीय टीम की इस चिट्ठी का जवाब मुख्य सचिव ने नहीं दिया है। ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस ने जवाब दिया। सांसद डेरेक ओर ब्रायन ने कहा, 'टीम का उद्देश्य क्या है? इसने उन जिलों का दौरा किया जहां कोई हॉटस्पॉट नहीं है। उनका असली उद्देश्य राजनीतिक वायरस फैलाना है। वे बेशर्मी से काम कर रहे हैं।'
टीम को लीड कर रहे केंद्रीय अतिरिक्त सचिव अपूर्वा चंद्रा ने राजीव सिन्हा को पत्र लिखा था। उन्होंने पत्रकारों से कहा, 'मुख्य सचिव को यह कहते हुए सुना गया कि टीम कहीं भी जाने को स्वतंत्र है, लेकिन वह अपना समय टीम के साथ बर्बाद नहीं कर सकते। यह गृह मंत्रालय के आदेश का उल्लंघन है।'
केंद्रीय मंत्री देबाश्री चौधरी सहित पश्चिम बंगाल के कई बीजेपी सदस्यों ने शनिवार को आरोप लगाया कि राज्य सरकार उन्हें लोगों की मदद करने से रोक रही है। इसके लिए सरकार ने उन लोगों को जबरन घर में क्वारंटाइन किया है। बीजेपी सांसदों ने टीएमसी सरकार पर कोरोना के आंकड़े छिपाने का आरोप लगाया है। उन्होंने यह भी कहा है कि ममता सरकार कोरोना को गंभीरता से नहीं ले रही है और लॉकडाउन के नियमों का पालन नहीं करवा रही है।
वीडियो-कॉन्फ्रेंस के माध्यम से चौधरी और पार्टी सांसद सुकांता मजुमदार ने आरोप लगाया कि उन्हें क्वारंटाइन रहने के नोटिस दिए गए हैं ताकि वे जरूरतमंदों को राहत सामग्री प्रदान करने के लिए बाहर कदम न रख सकें। बीजेपी विधायक सब्यसाची दत्ता ने आरोप लगाया कि राज्य में कोविड-19 पीड़ितों के शवों का गुप्त रूप से अंतिम संस्कार किया जा रहा है।