बैंकों को 424 करोड़ का चूना लगाने के मामले में दिल्ली-बुलंदशहर में सीबीआई का छापा
नई दिल्ली। केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सात बैंकों के कंसोर्टियम को करीब 424 करोड़ का चूना लगाने वाली एक निजी कंपनी और उसके निदेशक के बुलंदशहर और नई दिल्ली स्थित घर एवं कार्यालयों पर छापा मारा। गुरुवार की देर रात तक चली छानबीन में सीबीआई को कई ऐसे दस्तावेज मिले हैं, जो यह बताते हैं कि कंपनी के निदेशक कई फर्जी फर्मों के साथ करोड़ों रुपये का लेनदेन कर चुके हैं।
सीबीआई प्रवक्ता आर.के. गौड़ ने शुक्रवार को बताया कि आईडीबीआई बैंक के नेतृत्व में 7 बैंकों के कंसोर्टियम की शिकायत पर केन्द्रीय जांच ब्यूरो ने उत्तर प्रदेश के जनपद बुलंदशहर की एक निजी कंपनी संतोष ओवरसीज लि. और उसके निदेशक सुनील मित्तल व अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ 424.07 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज किया है। कंपनी के निदेशक के अलावा कई बैंक के अधिकारियों की भूमिका भी सीबीआई जांच के घेरे में है।
बुलंदशहर के एसएसपी संतोष कुमार ने बताया कि सीबीआई के एक अधिकारी ने उनसे संपर्क किया था। इसके बाद पुलिस बल उपलब्ध कराया गया। सीबीआई की टीम सिकंदराबाद नगर के औद्योगिक क्षेत्र स्थित संतोष राइस मिल में भी जांच के लिए पहुंची थी। यह मिल करीब तीन साल से बंद है लेकिन यहां करीब दो घंटे सीबीआई की टीम तमाम दस्तावेज खंगालती रही।
सीबीआई प्रवक्ता के अनुसार संतोष ओवरसीज लिमिटेड कंपनी के मालिक सुनील मित्तल ने आईडीबीआई बैंक समेत 7 बैंकों के कंसोर्टियम से करीब 424 करोड़ रुपये का ऋण लिया था। कंपनी ने सामानों की खरीद के फर्जी आर्डर बैंक को दिए थे, जिससे उस पर किसी को संदेह न हो। कंपनी ने कंसोर्टियम के अलावा दूसरे बैंक में अलग से चालू खाता भी खोला था, जिसके जरिए करोड़ों रुपये के लेन-देन किए गए। बैंक ने कंपनी के खातों को एनपीए घोषित कर जब छानबीन की तो ठगी का मामला सामने आ गया। निदेशक ने जिन फर्मों के जरिए कारोबार का दावा किया था, उनके पास करदाता पहचान संख्या (टीन) तक नहीं थे। बैंक ने पहले विजिलेंस जांच कराई। उसके बाद यह मामला सीबीआई को सौंप दिया गया। सीबीआई की जांच जारी है।