कांग्रेस ने निलेश कुंभाणी को पार्टी से निकाला, सूरत से नामांकन रद्द होने के बाद बड़ा फैसला

कांग्रेस ने निलेश कुंभाणी को पार्टी से निकाला, सूरत से नामांकन रद्द होने के बाद बड़ा फैसला
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कांग्रेस ने नीलेश कुम्भाणी को सूरत लोकसभा सीट से टिकट दिया था लेकिन उनका नामांकन रद्द हो गया

सूरत। गुजरात प्रदेश कांग्रेस की अनुशासन समिति ने निलेश कुंभाणी को छह साल के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया है। कुंभाणी के सूरत लोकसभा सीट से 21 अप्रैल को फार्म रद्द होने के पांचवें दिन पार्टी ने यह कार्रवाई की है।

शुक्रवार को अनुशासन समिति की बैठक में विस्तृत चर्चा के बाद सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए पार्टी ने यह निर्णय किया है। कुंभाणी के फार्म रद्द होने के बाद से कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता लगातार उनका विरोध कर रहे हैं। समिति की बैठक में बताया गया कि कांग्रेस पार्टी ने निलेश कुंभाणी को सूरत सीट से लोकसभा का उम्मीदवार बनाया था।

भाजपा से मिली भगत का आरोप -

सौराष्ट्र के बड़ी संख्या में पाटीदार समाज के लोग सूरत स्थायी हुए हैं। ऐसे में पार्टी की यह आशा थी कि पाटीदार समाज के प्रतिनिधि के तौर पर कुंभाणी काम करेंगे। इसके विपरीत कुंभाणी का नामांकनपत्र खारिज होने में कुंभाणी की ही सम्पूर्ण रूप से लापरवाही या भाजपा के साथ मिलीभगत के हालात स्पष्ट रूप से दिखाई देते हैं। इसके बावजूद न्याय के सिद्धांत के अनुसार पार्टी की ओर से कुंभाणी के पक्ष जानने के लिए उन्हें स्पष्टता करने का समय प्रदान किया था लेकिन कुंभाणी नाटकीय रूप से गायब हो गए। पार्टी के समक्ष उन्होंने किसी तरह का खुलासा नहीं किया। इससे पार्टी उन्हें छह साल के लिए निलंबित करने का निर्णय करती है। पार्टी ने कुंभाणी के फॉर्म रद्द होने को दुर्भाग्यपूर्ण घटना करार दिया है।

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