राजस्थान में पार्टी के अंदर बगावत पर कांग्रेस आलाकमान सक्रिय, वरिष्ठ नेता पहुंचे जयपुर
नई दिल्ली। राजस्थान में गुटबाजी के संकट को टालने के लिए कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ नेताओं अजय माकन और रणदीप सुरजेवाला को केंद्रीय पर्यवेक्षक के तौर पर जयपुर भेजा है। सूत्रों ने कहा कि दोनों नेता पार्टी महासचिव और राजस्थान प्रभारी अविनाश पांडे के साथ रविवार (12 जुलाई) देर शाम तक जयपुर पहुंच जाएंगे और पार्टी विधायकों के साथ चर्चा करेंगे।
सूत्रों ने कहा कि करीब 30 कांग्रेसी विधायक उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट की तरफ हैं और उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा। पार्टी के अंदर ही बगावत का सामना कर रही कांग्रेस राजस्थान में अपनी सरकार बचाने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस विधायकों की कथित खरीद-फरोख्त की कोशिश की जांच कर रही राज्य पुलिस द्वारा नोटिस भेजे जाने से पायलट नाराज बताए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने भाजपा पर उनकी सरकार को गिराने की साजिश रचने का आरोप लगाया, लेकिन भाजपा ने आरोपों से इनकार किया है।
दरअसल, राजस्थान कांग्रेस संकट में घिरी है। उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायकों के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से रिश्ते अच्छे नहीं हैं। पायलट और कांग्रेस के कुछ विधायक फिलहाल दिल्ली में हैं और पार्टी आलाकमान से मुलाकात की मांग कर रहे हैं। दोनों शीर्ष नेताओं के बीच तकरार की वजह राज्य की पुलिस द्वारा विधायकों की ''खरीद-फरोख्त'' मामले की जांच का आदेश देना और पायलट को नोटिस भेजना है, जिसे लेकर पायलट नाराज हैं।
सूत्रों ने शनिवार (11 जुलाई) को कहा था कि राजस्थान पुलिस ने गहलोत और पायलट को भी नोटिस जारी कर कांग्रेस सरकार गिराने की कथित कोशिशों के संबंध में बयान दर्ज कराने के लिए कहा है। पुलिस के विशेष कार्यबल (एसओजी) ने सरकार के मुख्य सचेतक महेश जोशी को भी बयान देने के लिए बुलाया है। एसओजी ने शुक्रवार (10 जुलाई) को हिरासत में लिए गए दो लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी, जो गहलोत सरकार गिराने के लिए कांग्रेस विधायकों की खरीद-फरोख्त में कथित रूप से शामिल थे।
गहलोत ने शनिवार (11 जुलाई) को विपक्षी भाजपा पर आरोप लगाया था कि वह उनके विधायकों को बड़ी रकम देकर सरकार गिराने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा था कि उनकी सरकार न केवल स्थिर है बल्कि वह अपना पांच साल का कार्यकाल भी पूरा करेगी। वहीं भाजपा ने गहलोत से इन आरोपों को साबित करने के लिए कहा है।