किसान महापंचायत के दौरान मंच से गिरे नेता राकेश टिकैत और चढूनी

किसान महापंचायत के दौरान मंच से गिरे नेता राकेश टिकैत और चढूनी
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जींद। हरियाणा के जींद में चल रहे किसान महापंचायत में भाग लेने के लिए बुधवार को किसानों का एक बड़ा जत्था कंडेला गाँव के स्पोर्ट्स स्टेडियम में एकत्र हुआ है। इस महापंचायत में भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत सहित कई किसान यूनियनों के नेता भाग ले रहें है। इस पंचायत के दौरान मंच गिर गया। जिसमें राकेश टिकैत टिकैत एवं चढूनी सहित कई नेता मंच सहित जमीन पर आ गए। टिकैत इस घटना में बाल-बाल बच गए।

देश भर में निकालेंगे यात्रा -

किसान आंदोलन के प्रमुख नेता और भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि पंचायतों के संचालन के पीछे उनका मुख्य उद्देश्य गांवों का दौरा करना और उनका समर्थन इकट्ठा करना है। टिकैत ने बुधवार को कहा कि जब तक सरकार उनकी मांगों को नहीं मान लेती, तब तक देश भर में ऐसी पंचायतें होती रहेंगी। टिकैत ने आगे कहा कि यदि सरकार ने उनकी मांगों को पूरा नहीं किया, तो वे 40 लाख ट्रैक्टरों की एक सभा आयोजित करेंगे और हाल ही में लागू किए गए कृषि कानूनों पर सरकार के खिलाफ विरोध करने के लिए देश भर में यात्रा निकालेंगे।

किसान आंदोलन की अगली दिशा तय होगी -

ग्राम प्रधान के बेटे राम मेहर ने कहा की "यह हरियाणा में पहली" किसान महापंचायत है। किसान आंदोलन की अगली दिशा, अगली कार्रवाई और अन्य संबंधित निर्णय लिए जाएंगे। विभिन्न खाप पंचायतों के प्रमुखों की उपस्थिति। पूरे हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली और पंजाब के जत्थेदारों ने भाग लेने के लिए निर्धारित किया है। "

स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करें -

वहीं ग्राम प्रधान टेकराम ने तीन नए कानूनों को तत्काल रद्द करने, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी देने वाले कानून को लागू करने और स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू करने की मांग की। गांव प्रधान ने कहा की तीनों नए कानूनों को तुरंत वापस लिया जाना चाहिए, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी देने वाले कानून को लागू किया जाना चाहिए। साथ ही सरकार स्वामीनाथन रिपोर्ट पूरे तरीके से लागो करें।

रिहाई की मांग -

उन्होंने आगे कहा की कि सरकार ने जिन 200 से 300 लोगों को हिरासत में लिया गया है, उन्हें तत्काल प्रभाव से रिहा किया जाना चाहिए। उन्होंने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से किसान यूनियन नेताओं के साथ व्यक्तिगत रूप से बातचीत करने और इस मुद्दे को जल्द से जल्द हल करने का अनुरोध किया। इस बीच किसानों की हलचल को देखते हुए दिल्ली के गाजीपुर, सिंघू और टिकरी सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

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