महाराष्ट्र के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सेना ने शुरू किया राहत कार्य, एनडीआरएफ की टीमें तैनात
मुंबई। महाराष्ट्र के बाढ़ प्रभावित जिलों में तीनों सेनाओं और एनडीआरएफ ने तीन दिन से मोर्चा संभालने के बाद शनिवार से बचाव एवं राहत कार्य और तेज कर दिया है। वायुसेना ने अपने इस मिशन में अब अपने परिवहन बेड़े को भी लगा दिया है। इन बड़े विमानों से भुवनेश्वर और गोवा से एनडीआरएफ की टीमों को उनके सामानों समेत एयरलिफ्ट करके महाराष्ट्र पहुंचाया गया है। नौसेना ने बाढ़ राहत एवं बचाव के लिए महाराष्ट्र, कर्नाटक और गोवा में भी बचाव अभियान चलाया है। भारतीय सेना ने भी कोल्हापुर, रत्नागिरी और सांगली जिले में 15 बचाव दल तैनात किए हैं।
महाराष्ट्र सरकार ने बाढ़ से बिगड़ते हालात के चलते 22 जुलाई को भारतीय वायुसेना और नौसेना से मदद मांगी थी, तभी से दोनों सेनाओं ने महाराष्ट्र के बाढ़ प्रभावित जिलों में मोर्चा संभाल रखा है। वायुसेना ने दो हेलीकॉप्टर भेजकर रत्नागिरी जिले के चिपलून और खेड़ शहरों में राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए बाढ़ राहत कार्यों के लिए दो एमआई-17V5s और दो एमआई-17s हेलीकॉप्टरों को भी तैनात किया गया है। छह हेलीकॉप्टरों को लगाए जाने के बाद भी एक अन्य हेलीकॉप्टर को किसी भी आकस्मिक आवश्यकता के लिए पुणे में तैयार रखा गया है।
राहत एवं बचाव कार्य की तैयारी -
वायुसेना ने 06 हेलीकॉप्टरों के अलावा राहत एवं बचाव कार्य की तैयारी के लिए भुवनेश्वर से पुणे और रत्नागिरी पहुंचाने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के 170 कर्मियों को और गोवा से 21 टन भार लोड करने के लिए अपने परिवहन बेड़े को भी तैनात किया है। इसके लिए एक सी-17 ग्लोबमास्टर और दो सी-130 सुपर हरक्यूलिस का इस्तेमाल किया गया है। परिवहन विमानों से महाराष्ट्र लाई गईं एनडीआरएफ टीमों को बाढ़ प्रभावित जिलों से लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के कार्य में लगाया गया है।
2,000 से अधिक लोगों को निकाला -
एनडीआरएफ की टीमों ने पिछले दो दिनों में कोल्हापुर, सांगली, सातारा, रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिलों के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से 2,000 से अधिक लोगों को निकाला है। बाढ़ बचाव और राहत अभियान के लिए एनडीआरएफ की 26 टीमों, एनडीआरएफ पुणे की 5वीं बटालियन की 18 और भुवनेश्वर से आठ टीमों को तैनात किया गया है। रत्नागिरी के चिपलून और रायगढ़ के महाड़ में रात-दिन रबर की नावों का इस्तेमाल करके लोगों को बचाया गया है। इन जिलों की विभिन्न तहसीलों में बाढ़ राहत अभियान जारी है। एनडीआरएफ ने स्थानीय नागरिक प्रशासन के इनपुट के आधार पर अपनी योजना तैयार की है। अब तक योजना के अनुसार ऑपरेशन को अंजाम दिया गया है।
15 बचाव दल तैनात किए -
भारतीय सेना ने भी कोल्हापुर, रत्नागिरी और सांगली जिले में 15 बचाव दल तैनात किए हैं। भारतीय सेना ने बाढ़ प्रभावित रत्नागिरी में बाढ़ राहत कॉलम भेजी है। बचाव, राहत और चिकित्सा में नागरिक प्रशासन की सहायता के लिए औंध सैन्य स्टेशन और पुणे के इंजीनियर टास्क फोर्स, बीईजी केंद्र से सैनिकों सहित 14 टीमें बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जुटी हैं। इसके अलावा भारतीय सेना ने कोल्हापुर और सांगली जिलों के लिए बाढ़ राहत कॉलम भेजी है। बाढ़ राहत कार्य बल बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में फंसे स्थानीय लोगों को निकालने और चिकित्सा सहायता प्रदान करने में मदद कर रहे हैं।
नौसेना बाढ़ बचाव दल -
नौसेना ने अब तक मुंबई से कुल सात नौसेना बाढ़ बचाव दल, एक सीकिंग 42सी हेलीकॉप्टर, गोवा से एक एएलएच हेलो हेलीकॉप्टर पहले से ही तैनात कर रखे हैं। इसके अलावा तत्काल तैनाती के लिए अतिरिक्त बाढ़ बचाव दल मुंबई में उच्च स्तर की तत्परता पर बनाए रखा जा रहा है। रायगढ़ जिले में फंसे कर्मियों को एयरलिफ्ट भी किया जा रहा है। मुंबई तट पर तैनात जलपोत आईएनएस शिकारा से एक सीकिंग 42सी हेलो को पोलादपुर/रायगढ़ में बचाव के लिए भेजा गया है। नौसेना के बाढ़ बचाव दल जेमिनी रबर बोट, लाउड हैलर, प्राथमिक चिकित्सा किट, लाइफ जैकेट और लाइफ बॉय से लैस हैं। इन बचाव दलों में नौसेना के विशेषज्ञ गोताखोर भी विशेष उपकरणों के साथ भेजे गए हैं। जरूरत पड़ने पर तत्काल तैनाती के लिए अतिरिक्त बाढ़ बचाव दलों को मुंबई में उच्च स्तर की तत्परता के साथ अलर्ट पर रखा गया है।