झारखंड के मुख्यमंत्री ED के 7 नोटिस मिलने पर भी नहीं हुए पेश, अब सरकार बचाने पत्नी को सौंप सकते हैं राज्य की कमान
रांची। झारखंड में राजनीतिक माहौल बेहद संजीदा है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर ईडी का शिकंजा कसता जा रहा है। एजेन्सी से 7 बार नोटिस मिलने के बाद भी वे पूछताछ के लिए पेश हो चुके है लेकिन वे एक बार भी नहीं पहुंचे है। सीएम हेमंत सोरेन पर जमीन घोटाला और अवैध खनन के आरोप है।इस मामले में वे फंसते नजर आ रहे है। ऐसे में झारखंड में राजनीतिक संकट खड़ा हो गया है। पार्टी और गठबंधन में अगले सीएम कौन होगा इसे लेकर चिंता बढ़ गई है।बताया जा रहा है की हेमंत अपनी जगह पत्नी कल्पना को सीएम की कुर्सी सौंप सकते है।
हेमंत सोरेन ने कल 3 जनवरी को महागठबंधन के सभी विधायकों की बैठक बुलाई है। जिसमें इसका आधिकारिक ऐलान हो सकता है। । इस संबंध में वे कानूनी सलाह भी ले रहे है, उन्होंने महाधिवक्ता को सीएम हाउस बुलाया था। ईडी प्रकरण और इसके लिए संभावित कानूनी विकल्पों के संबंध में जानकारी ली थी।
विधायक ने दिया इस्तीफा -
इसी बीच राज्य की गांडेय विधानसभा सीट से झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक सरफराज अहमद ने भी इस्तीफा दे दिया है।सरफराज अहमद ने इस्तीफे के बाद कहा- यह फैसला महागठबंधन धर्म को ध्यान में रखकर लिया है। यह मेरा व्यक्तिगत फैसला है। मेरे अब तक के अनुभव से मुझे खतरा नजर आ रहा था।मैंने झारखंड और गठबंधन की सरकार को ध्यान में रखकर फैसला लिया। इस फैसले से झारखंड भी बचेगा और सरकार भी। अगर भाजपा नए साल में कुछ नया करने वाली थी, तो मैंने उनसे पहले कुछ नया कर दिया। मैंने बस ये ध्यान रखा कि एक सेकुलर सरकार को कैसे बचाया जाए, इसे ध्यान में रखते हुए मैंने फैसला लिया।
पत्नी के लिए सीट कराई खाली -
माना जा रहा है कि खाली होने वाली इस सीट पर हेमंत सोरेन अपनी पत्नी कल्पना सोरेन को एमएलए का चुनाव लड़वा सकते हैं ताकि ईडी यदि उन्हें गिरफ्तार करती है तब वे पत्नी कल्पना को राज्य की कमान सौंप सकें