समीर वानखेड़े की याचिका पर जल्द सुनवाई से हाईकोर्ट ने किया इंकार
मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने मंगलवार को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के पूर्व जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े की याचिका पर शीघ्र सुनवाई करने से इंकार कर दिया। समीर वानखेड़े ने याचिका में बार का लाइसेंस बहाल करने और दर्ज मामला रद्द करने की मांग की थी। हाईकोर्ट के जज गौतम पटेल ने समीर वानखेड़े के वकील तथा कोर्ट स्टाफ को भी फटकार लगाई है।
समीर वानखेड़े ने सोमवार शाम को हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी जिसे आज सुबह जज गौतम पटेल के समक्ष सुनवाई के लिए पेश किया गया। इसे देखने के बाद जज ने कहा कि सामान्य लोगों की याचिका तीन के बाद पेश किए जाने का नियम है, ऐसे में यह याचिका इतनी जल्दी सुनवाई के लिए कैसे सूचीबद्ध की गई। क्या शराब बार का लाइसेंस बहाल करने से संबंधित याचिका पर शीघ्र सुनवाई करना इतना जरूरी हो गया है। जज ने आगे से इस तरह की हरकत न करने की चेतावनी कोर्ट स्टाफ को दी।
एनसीबी के पूर्व जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े के नवी मुंबई स्थित सदगुरु बार एंड रेस्टोरेंट में शराब बिक्री का लाइसेंस 29 अक्टूबर 1997 को जारी किया गया था। उस समय समीर वानखेड़े की उम्र 18 वर्ष से कम थी। इसी वजह से ठाणे के जिलाधिकारी ने जांच करवाने के बाद लाइसेंस रद्द कर दिया था। इसके बाद आबकारी विभाग की शिकायत के आधार पर समीर वानखेड़े पर आपराधिक मामला दर्ज किया गया है। समीर वानखेड़े इसी मामले को रद्द करने व शराब बिक्री का लाइसेंस बहाल किए जाने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है।