भारत ने संयुक्त राष्ट्र को चेताया, कहा- अफगानिस्तान हालात पूरे विश्व के लिए खतरा
न्यूयॉर्क। अफगानिस्तान के मौजूदा हालात न सिर्फ पश्चिम एशियाई देशों, बल्कि पूरी दुनिया के लिए खतरनाक हैं। भारत ने संयुक्त राष्ट्र संघ को इस बाबत स्पष्ट रूप से आगाह करते हुए कहा है कि तात्कालिक स्थितियों में अफगानिस्तान की धरती से आतंकवाद और मादक पदार्थों की तस्करी बढ़ने का खतरा दुनिया के सामने मंडरा रहा है।
अफगानिस्तान पर बीस साल बाद अगस्त 2021 में तालिबान का दोबारा कब्जा हो गया। यहां से अमेरिकी फौजों की वापसी के बाद काबिज हुई तालिबानी सरकार को अभी विश्व के कई देशों ने मान्यता नहीं दी है। कई पाबंदियों के कारण देश में आर्थिक व सामाजिक संकट के साथ आतंकवाद का खतरा पैदा हो गया है।
संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत के स्थायी दूत टीएस तिरुमूर्ति ने सुरक्षा परिषद का ध्यान अफगानिस्तान से अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद व मादक पदार्थों की तस्करी के बढ़ते खतरे की ओर दिलाया। संयुक्त राष्ट्र संघ और सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन (सीएसटीओ) के बीच सहयोग पर बहस में भाग लेते हुए तिरुमूर्ति ने कहा कि अफगानिस्तान में बीते कुछ दिनों में हालात तेजी से बिगड़े हैं। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आग्रह किया कि वह अफगानिस्तान के हालिया घटनाक्रम का संज्ञान ले। इसके कारण मध्य एशियाई देशों पर असर पड़ेगा। क्षेत्रीय व उपक्षेत्रीय संगठनों के लिए एकबार फिर वक्त है कि वे अंतरराष्ट्रीय शांति व सुरक्षा के लिए अपनी अहम भूमिका निभाएं। भारत संयुक्त राष्ट्र और क्षेत्रीय व उपक्षेत्रीय संगठनों के साथ सक्रिय मदद करने को तैयार है। सीएसटीओ में आर्मेनिया, बेलारूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान और ताजिकिस्तान शामिल हैं। यह संगठन अपनी स्थापना की 20वीं वर्षगांठ मना रहा है।