लोकसभा में लद्दाख केंद्रीय विश्वविद्यालय विधेयक पारित
नईदिल्ली। लोकसभा ने शुक्रवार को केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2021को मंजूरी दे दी। इस विधेयक में केंद्रशासित राज्य लद्दाख में एक केंद्रीय विश्वविद्यालय स्थापित करने का प्रावधान किया गया है। इस प्रस्तावित विश्वविद्यालय का नाम 'सिंधु केंद्रीय विश्वविद्यालय' रखने का इस विधेयक में उपबंध किया गया है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने विपक्षी हंगामे और शोरगुल के बीच इस विधेयक को चर्चा और पारित करने के लिए सदन के पटल पर रखा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले वर्ष 15 अगस्त के अवसर पर लद्दाख में केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना की घोषणा की थी, जिसके बाद केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना की जा रही है।
दो हजार 500 विद्यार्थियों के प्रबंध -
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि लद्दाख में बनने वाले विश्वविद्यालय में दो हजार 500 विद्यार्थियों के पढ़ने का प्रबंध रहेगा ।इस दौरान कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) समेत कई अन्य विपक्षी दलों के सदस्य पेगासस जासूसी मामले, किसानों और अन्य मुद्दों को लेकर सदन में नारेबाजी कर रहे थे। हंगामे के बीच ही विधेयक को पारित कर दिया गया।
लद्दाख क्षेत्र में कोई विश्वविद्यालय नही -
इस विधेयक के उद्देश्यों और कारणों में कहा गया है, " लद्दाख क्षेत्र में कोई विश्वविद्यालय नही है। इसलिए सरकार ने लद्दाख संघ राज्य क्षेत्र में एक नया केंद्रीय विश्वविद्यालय स्थापित करने का विनिश्चय किया है, जिससे उच्चतर शिक्षा की पहुंच और गुणवत्ता में वृद्धि करना सुनिश्चित किया जा सके तथा लद्दाख संघ राज्य क्षेत्र के लोगों के लिए उच्चतर शिक्षा और अनुसंधान के अवसरों को बढ़ावा दिया जा सके। इससे आने वाले वर्षों में क्षेत्रीय आकांक्षाओं की भी पूर्ति होगी।"
750 करोड़ रुपये के बजटीय उपबंध -
विश्वविद्यालय के लिए अवसंरचना, दो चरणों में सात वर्षों के लिए 750 करोड़ रुपये के बजटीय उपबंध के साथ स्थापित की जाएगी। चार वर्षों के प्रथम चरण में व्यय लगभग 400 करोड़ रुपये होगा और शेष तीन वर्षों के दूसरे चरण में व्यय लगभग 3590 करोड़ रुपये होगा। यह व्यय शिक्षा मंत्रालय के बजटीय उपबंधों के माध्यम से भारत की संचित निधि से पूरा किया जाएगा।