पंजाब, राजस्थान के बाद महाराष्ट्र कांग्रेस में पड़ी फूट, सोनिया गांधी तक पहुंचा मामला

पंजाब, राजस्थान के बाद महाराष्ट्र कांग्रेस में पड़ी फूट, सोनिया गांधी तक पहुंचा मामला
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मुंबई। राज्य विधानसभा चुनावों में लगातार निराशाजनक प्रदर्शन कर रही कांग्रेस की एक -एक कर सभी राज्य इकाइयों में फूट सामने आने लगी है। पंजाब, राजस्थान में मचे घमासान के बाद अब महाराष्ट्र कांग्रेस में भी विधायक और प्रदेश कांग्रेस आमने -सामने आ गए है। कांग्रेस विधायक जिशान सिद्दीकी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर मुंबई प्रदेश कांग्रेस में भेदभाव की शिकायत की है।सिद्दीकी ने कुछ घटनाओं का भी जिक्र किया है। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या विधायक जीशान सिद्दीकी के पत्र से कांग्रेस में खाई और चौड़ी होगी और देखना होगा कि भाई जगताप क्या प्रतिक्रिया देते हैं।


जिशान सिद्दीकी ने इस पत्र की प्रति कांग्रेस नेता राहुल गांधी, महाराष्ट्र कांग्रेस प्रभारी एचके पाटिल, केसी वेणुगोपाल, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले को भी भेजी है। मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष भाई जगताप ने कहा कि कांग्रेस पार्टी मे लोकतंत्र है, सभी को अपनी बात कहने का अधिकार है। वे जिशान सिद्दीकी से बात कर उनकी शिकायत को दूर करेंगे।

अलग-थलग रखने का प्रयास -

जिशान सिद्दीकी ने वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं को लिखे पत्र में कहा है कि पार्टी में उन्हें अलग-थलग रखने का प्रयास किया जा रहा है। उनके विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी का कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में गृह राज्यमंत्री सतेज पाटिल को आमंत्रित किया गया था। स्थानीय विधायक होने के बावजूद उन्हें कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया गया था। इसी तरह उनके क्षेत्र में ही उन्हें पार्टी में हाशिए पर रखने का प्रयास किया जा रहा है।

कांग्रेस अध्यक्ष भाई जगताप ने पार्टी पदाधिकारियों और नगरसेवकों को चेतावनी दी थी कि अगर उन्होंने मुंबई चुनाव में जीशान सिद्दीकी की मदद की तो वह पद के लिए नहीं दौड़ेंगे। कांग्रेस विधायक जीशान सिद्दीकी ने आरोप लगाया है कि उनके साथ काम करने वालों को चेतावनी दी जा रही है और उनके खिलाफ काम करने वालों को ताकत दी जा रही है।

प्रदेश अध्यक्ष ने किया पलटवार -

मुंबई प्रदेश अध्यक्ष भाई जगताप ने इस मामले में कहा कि मुंबई में कांग्रेस पार्टी के चार विधायक हैं। जिशान सिद्दीकी इनमें सबसे युवा हैं, इसलिए उनकी महत्वाकांक्षा अधिक है। मुंबई प्रदेश कांग्रेस में पूरी तरह लोकतंत्र है, इसलिए सभी को अपनी बात कहने का अधिकार है। नाराज कार्यकर्ता कांग्रेस अध्यक्ष से अपनी बात कह सकता है लेकिन वह खुद इस मामले में जिशान सिद्दीकी से बात करेंगे और उनकी शिकायत दूर करेंगे।

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