उद्धव सरकार ओबीसी आरक्षण पर नया विधेयक लाएगी, मप्र से मांगी जानकारी
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मुंबई। महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि राज्य के स्थानीय निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण के लिए सरकार नया विधेयक लाएगी। विधानमंडल में मंजूरी मिलने के बाद इसे निर्वाचन आयोग को सौंपा जाएगा। साथ ही राज्य सरकार इस मामले में मध्य प्रदेश सरकार से भी संपर्क कर जानकारी हासिल करने वाली है। अजीत पवार ने दोहराया कि राज्य में नगर निकाय के चुनाव बगैर ओबीसी आरक्षण के नहीं होंगे।
विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार को मध्य प्रदेश सरकार की तरह ओबीसी आरक्षण का मुद्दा सुलझाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में भी इस प्रकार का संकट हुआ था। उस वक्त मध्य प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा बताये गये तीनों टेस्ट पूरा करने की तैयारी दिखाई और साथ में दलील दी कि स्थानीय निकायों का चुनाव कराने का अधिकार राज्य सरकार का है। सुप्रीम कोर्ट ने भी मध्य प्रदेश सरकार की इस बात को स्वीकार किया और वहां ओबीसी आरक्षण का मुद्दा सुलझ गया।
सत्ता में रहने का अधिकार नहीं -
फडणवीस ने कहा कि ठाकरे सरकार को सत्ता में आए करीब सवा दो वर्ष पूरे हो गए हैं। इसके बावजूद उसने ओबीसी आरक्षण के मसले पर कुछ नहीं किया है। लिहाजा ठाकरे सरकार को सत्ता में रखने का अधिकार नहीं है। पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ दल के कुछ नेता ओबीसी समाज को आरक्षण नहीं देना चाहते हैं। इसी वजह से राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग को मदद भी नहीं की जा रही है।
फडणवीस पर आरोप -
मंत्री छगन भुजबल ने कहा कि 2010 में जब सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया, तब तत्कालीन राज्य सरकार ने इम्पिरिकल डाटा जमा किया। 2016 में यह डाटा केंद्र सरकार को सौंपा गया। उस वक्त महाराष्ट्र में भाजपा की सरकार थी। इस वक्त देवेंद्र फडणवीस राज्य के मुख्यमंत्री थे। परंतु उन्होंने इस मसले पर सक्रियता नहीं दिखाई। इसकी वजह से ओबीसी समाज का राजनीतिक आरक्षण रद्द हुआ। उन्होंने ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर सत्तारूढ़ दल और विपक्ष एक है।अंतरिम रिपोर्ट में कुछ टेक्निकल चीजें रह गईं हैं। इस बात को मैं स्वीकार करता हूं। जिन चीजों को पूरा करने को सुप्रीम कोर्ट ने कहा है उसे सरकार पूरा करेगी।