पंजाब में मान सरकार ने पेश किया पहला बजट, 300 यूनिट मुफ्त बिजली, 16 मेडिकल कॉलेज का ऐलान
चंडीगढ़। पंजाब का वार्षिक बजट डेढ़ लाख करोड़ से पार हो गया है। पंजाब में पहली बार सत्ता संभाल रही भगवंत मान सरकार ने अपने पहले बजट में प्रदेशवासियों पर किसी तरह के कर का बोझ नहीं डाला है। पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने सोमवार को विधानसभा में कुल एक लाख 55 हजार 860 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। यह साल 2021-22 से 14 प्रतिशत ज्यादा है। बजट में 66 हजार 440 करोड़ परमानेंट खर्चा है। खर्चों में मुख्य रूप से वेतन, कर्ज और पेंशन आदि शामिल हैं।
पंजाब सरकार ने अपने पहले बजट में साफ कर दिया है कि मान सरकार के टॉप एजेंडे में शिक्षा और स्वास्थ्य शामिल हैं। इसके चलते शिक्षा के बजट में 16 प्रतिशत और स्वास्थ्य के बजट में 24 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। वित्त मंत्री का आकलन है कि इस साल शराब से 9648 करोड़ रुपये की आमदनी होगी। यह पिछले साल से 56 प्रतिशत ज्यादा है। जीएसटी वसूली के माध्यम से सरकार के खजाने में 4350 रुपये का इजाफा होगा।
एक विधायक-एक पेंशन -
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार का पूरा ध्यान अनावश्यक खर्चों में कटौती करने को लेकर है। उन्होंने कहा कि सरकार इसी सत्र में एक विधायक, एक पेंशन योजना लेकर आ रही है। इससे 19.53 करोड़ रुपये की बचत होगी। सरकार ने पहली बार मोबाइल डिजिटल बजट पेश किया है। इससे 21 लाख रुपये की सालाना बचत होगी तथा 800 पेड़ कटने से बचेंगे। वित्त मंत्री ने बजट भाषण में साफ किया कि आने वाले दिनों में खर्चों में कटौती को लेकर कई योजनाएं लागू की जाएंगी। बजट में दो लाख 63 हजार करोड़ का कर्ज दिखाया गया है, जिसके अगले साल तक बढ़कर दो लाख 84 हजार 870 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है।
बजट के लिए आए 20 हजार सुझाव -
वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने कहा कि पंजाब में यह पहला मौका है जब किसी सरकार ने बजट बनाने से पहले जनता की राय ली है। उन्होंने बताया कि सरकार को अलग-अलग माध्यमों से बजट के संबंध में कुल 20 हजार 384 सुझाव प्राप्त हुए। इनमें 72.70 प्रतिशत सुझाव 31 से 40 वर्ष आयु वर्ग के लोगों के थे। इसी प्रकार 27.3 प्रतिशत महिलाओं ने भी अपने सुझाव भेजे हैं, जिन्हें बजट में शामिल किया गया है।