उत्तराखंड का पहला मामला, तीसरी संतान होने पर छीन गई पार्षद की कुर्सी

उत्तराखंड का पहला मामला, तीसरी संतान होने पर छीन गई पार्षद की कुर्सी
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हरिद्वार। जिले की लक्सर नगर पालिका की वार्ड नंबर 4 की निर्वाचित पार्षद नीता पांचाल की सदस्यता तीसरी संतान होने पर समाप्त कर दी गई है। सचिव शहरी विकास शैलेंद्र बगौली ने इस आशय का आदेश जारी किया है। नगर पालिका परिषद लक्सर के अधिशासी अधिकारी गोहर हयात ने यह जानकारी दी है।

उत्तराखंड में तीसरी संतान पैदा होने पर निर्वाचित जनप्रतिनिधि की सदस्यता समाप्त करने का यह पहला मौका है। उल्लेखनीय है कि स्थानीय निकाय और ग्राम पंचायत के जनप्रतिनिधियों के लिए 2 जुलाई 2002 से अधिकतम दो संतान की शर्त लागू है। प्रदेश में नगर निकाय और पंचायतों में ऐसे व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ सकते हैं, जिनकी 2 जुलाई 2002 के बाद तीसरी संतान हुई हो।

चुनाव के समय दो संतान -

वार्ड नंबर 4 की पार्षद नीता पांचाल के नगर पालिका परिषद के चुनाव के समय 20 अगस्त, 2018 में दो संतान थीं। 2 सितंबर, 2018 में बोर्ड की सदस्यता पाने के बाद 1 साल के भीतर ही उनको तीसरी संतान हुई। उनके खिलाफ निर्वाचन की शर्त का उल्लंघन करने की शिकायत जिलाधिकारी हरिद्वार के पास पहुंची। जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारी लक्सर और नगर पालिका परिषद से जांच कराई। तत्कालीन उप जिलाधिकारी पूरन सिंह राणा और नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी गोहर हयात ने शिकायत सही पाने के बाद अपनी रिपोर्ट जिलाधिकारी को दी थी।

ये है नियम -

नगर पालिका परिषद अधिनियम में हुए संशोधन के अनुसार पद ग्रहण के 300 दिन की अवधि के भीतर तीसरी संतान का जन्म होने पर सदस्यता वैध नहीं मानी जाती है। इस आधार पर एसडीएम पूरन सिंह राणा ने नीता पांचाल को पालिका बोर्ड की सदस्यता के लिए अयोग्य करार दिया था। एसडीएम राणा ने इसकी पुष्टि करते जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेजी थी। इसके आधार पर कार्रवाई करते हुए नीता पांचाल की सदस्यता रद्द कर दी गई है।

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