MVA लाई विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव, नेता प्रतिपक्ष ने कहा- मुझे जानकारी नहीं
मुंबई। महाराष्ट्र के विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के विरुद्ध लाये गए अविश्वास प्रस्ताव पर महाविकास आघाड़ी के सहयोगी दलों में मतभेद नजर आने लगा है। विपक्षी विधायकों ने यह प्रस्ताव विधानमंडल के सचिव राजेंद्र भागवत के पास पेश किया है। विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष अजीत पवार ने कहा कि इस बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है।
महाराष्ट्र कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने शुक्रवार को पत्रकारों से कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए 29 विधायकों के हस्ताक्षर की जरूरत होती है, जबकि विपक्ष के 47 विधायकों ने हस्ताक्षर कर अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है। इस प्रस्ताव पर कांग्रेस के अशोक चव्हाण, बालासाहेब थोरात जैसे वरिष्ठ नेताओं ने हस्ताक्षर किये हैं। नाना पटोले ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष का बर्ताव पूरी तरह भेदभाव भरा है। सभागृह में विधानसभा अध्यक्ष विपक्ष को बोलने नहीं दे रहे हैं, इसी वजह से अध्यक्ष के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाया जा रहा है।
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के प्रवक्ता और राज्यसभा सदस्य संजय राऊत ने कहा कि अध्यक्ष बनने के बाद पार्टी परिधि से हटकर काम करना पड़ता है, लेकिन राहुल नार्वेकर विपक्ष की आवाज दबाने का काम कर रहे हैं। शिवसेना सदस्यों को सदन में बोलने नहीं दे रहे हैं। अध्यक्ष हमेशा मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के इशारे के आधार पर निर्णय ले रहे हैं, जबकि उन्हें नियमों के आधार पर सभागृह चलाना चाहिए। संजय राऊत ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर महाविकास आघाड़ी एकजुट है, अगर अजीत पवार को पता नहीं है, तो उन्हें इसकी जानकारी दी जाएगी।
मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने बताया कि अविश्वास प्रस्ताव को 14 दिनों के अंदर सभागृह में लाया जाता है। अगर यह प्रस्ताव आता है तो भी चिंता की बात नहीं है। भारतीय जनता पार्टी और बालासाहेब की शिवसेना के सदस्यों की संख्या बहुमत के आंकड़े से ज्यादा है, इसलिए अविश्वास प्रस्ताव से कोई फर्क नहीं पड़ेगा।दरअसल, शिवसेना उबाठा के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने गुरुवार को नागपुर में कांग्रेस कार्यालय में जाकर विपक्षी विधायकों के साथ बैठक की थी। इस बैठक में विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाने की रणनीति को अंतिम रूप दिया गया और बाद में विधानमंडल के सचिव राजेंद्र भागवत को यह प्रस्ताव सौंपा गया।