अब पुराने साथी वापस आ गए हैं, जो भी हुआ उसे भूलकर आगे बढ़ेंगे : अशोक गहलोत
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नई दिल्ली। राजस्थान का राजनीतिक दंगल अब खत्म हो गया है। केंद्रीय आलाकमान के आदेश के बाद सचिन पायलट और अशोक गहलोत में सुलह होती दिख रही है। समस्याओं के समाधान का भरोसा मिलने के बाद सचिन पायलट भी जयपुर वापस लौट आए हैं। ऐसे में अब गहलोत का बयान आया है।
उन्होंने कहा कि- विधायकों का परेशान होना स्वाभाविक है। जिस तरह से यह प्रकरण हुआ और जिस तरह से वे एक महीने तक रहे, यह स्वाभाविक था। मैंने उन्हें समझाया है कि यदि हमें राष्ट्र, राज्य, लोगों की सेवा करनी है और लोकतंत्र को बचाना है तो कभी-कभी हमें सहनशील होने की आवश्यकता होती है। हम साथ काम करेंगे। हमारे जो दोस्त चले गए थे वो अब वापस आ गए हैं। मुझे उम्मीद है कि हम अपने सभी मतभेदों को दूर करेंगे और राज्य की सेवा करने के अपने संकल्प को पूरा करेंगे।उन्होंने कहा कि जो ऐपिसोड हुआ है एक प्रकार से भूलो और माफ करो की स्थिति में रहें, सब मिलकर चलें क्योंकि प्रदेशवासियों ने विश्वास करके हमारी सरकार बनाई थी। हमारी सबकी ज़िम्मेदारी उस विश्वास को बनाए रखने और प्रदेश की सेवा करने की बनती है।
राजस्थान के पूर्व उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट की 'वापसी' के बाद गहलोत खेमे के कांग्रेसी विधायकों ने बागियों को लेकर नाराजगी व्यक्त की। हालांकि, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित वरिष्ठ नेताओं ने विधायकों को यह कहकर शांत कराया कि लोकतांत्रिक व्यवस्था को बचाना है।
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि कांग्रेस के विधायकों ने पिछले एक महीने तक जिस तरह भी सबकुछ हुआ, उसके बाद बागियों की वापसी पर अपना विरोध जताया है। उन्होंने कहा, 'विधायकों का कहना है कि वापसी के बाद भी वे मुख्यमंत्री और सरकार के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं, जोकि स्वीकार्य नहीं है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो फिर इसका विरोध दर्ज कराया जाएगा।' एक विधायक ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि किसी भी बागी विधायक को सरकार या फिर संगठन में कोई पद नहीं दिया जाना चाहिए। यदि तीन सदस्यीय कमेटी उनकी बात सुनती है तो फिर हमारी भी बात उन्हें सुननी चाहिए।