पतंगे जी के हृदय में संघ है: मोहन जी भागवत

पतंगे जी के हृदय में संघ है: मोहन जी भागवत
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मुंबई। स्व.स.से. श्री रमेश पतंगे जी के पीछे संघ नहीं खड़ा है। श्री पतंगे जी के हृदय में संघ है। यह सच है कि संघ कुछ नहीं करता इसीलिए पतंगे जी ने अपने सारे कृतित्व को समर्पित किया पर स्वयंसेवक सब कुछ करते हैं और यही श्री पतंगे ने किया। यह बात राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के पूजनीय सरसंघचालक श्री मोहन भागवत ने सामाजिक समरसता के नायक एवं वरिष्ठ पत्रकार श्री रमेश पतंगे के अमृत महोत्सव के अवसर पर कही। श्री भागवत ने कहा संघ विचार याने अमृत। संघ याने ढाई आखर प्रेम का। श्री पतंगे ने अपने लेखन से, सामाजिक समरसता के माध्यम से यह कर दिखाया। आज महाराष्ट्र में समरसता का उन्होंने मॉडल खड़ा किया वह सभी के लिए प्रेरक है।

अमृत महोत्सव की सार्थकता ही यह है कि हम संघ विचार का अमृत लेकर यहां से जाएं। इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री एव विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने भी अपने भावुक एवं ओजस्वी संबोधन से श्री पतंगे के योगदान का उल्लेख करते हुए कहा कि आज जो लोकतंत्र देश में पल्लवित हो रहा है उसके पीछे मूल चिंतन हिदुत्व ही है। कार्यक्रम की प्रस्तावना श्री विमल केडिया ने रखी और संचालन अश्विनी मयंकर ने किया। इस अवसर पर पद्मभूषण अशोक राव कुकडे, विवेक समूह के प्रबंध संपादक दिलीप करंमबेळकर, राजाभाऊ नैने स्मृति समिति के अध्यक्ष हरसुख भाई ध्रुव मंच पर उपस्थित थे। अमृत महोत्सव समारोह में श्री रमेश पतंगे की पत्नी श्रीमती मधुरा पतंगे विशेष रूप से उपस्थित थीं।

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