सर्बानंद सोनोवाल राज्यसभा के लिए चुने गए , जानिए कैसा रहा राजनीतिक सफर
गुवाहाटी। केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल सोमवार की दोपहर के समय असम विधानसभा के सचिवालय कार्यालय पहुंचकर राज्यसभा चुनाव में विजेता का प्रमाण पत्र प्राप्त किया। इस मौके पर उनके साथ मुख्यमंत्री डॉ.हिमंत बिस्व सरमा, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भावेश कलिता, प्रदेश भाजपा के सांगठनिक महासचिव फणींद्र नाथ शर्मा, सरकार के मंत्री, सांसद और विधायक भी मौजूद थे।
उल्लेखनीय है कि सोनोवाल माजुली विधानसभा चुनाव क्षेत्र से विधायक चुने गये थे। लेकिन, जब उन्हें केंद्र सरकार में मंत्री बनाया गया तो उन्होंने विधानसभा सदस्य से इस्तीफा दे दिया था। इस बीच राज्यसभा सदस्य बिश्वजीत दैमारी के इस्तीफा देने के कारण असम से एकमात्र राज्यसभा की सीट खाली हो गयी थी। भाजपा, अगप, यूपीपीएल के संयुक्त उम्मीदवार के रूप में सोनोवाल को राज्यसभा का उम्मीदवार घोषित किया गया था। सोनोवाल के अलावा विपक्ष की ओर से किसी उम्मीदवार ने नामांकन दाखिल नहीं किया, जिसके चलते सोनोवाल को निर्विध निर्वाचित घोषित कर दिया गया।
सोनोवाल का राजनीतिक जीवन-
सोनोवाल का जन्म 31 अक्टूबर, 1962 में डिब्रूगढ़ जिला में हुआ था। अखिल असम छात्र संघ (आसू) के अध्यक्ष के रूप में, 1992-1999 तक तथा उत्तर पूर्व छात्र संगठन (नेसो) के चेयरमैन के रूप में 1996-2000 तक छात्र राजनीति में रहे। असम गण परिषद में शामिल होकर सक्रिय राजनीति करते हुए 2001 से 2004 तक विधायक, 2004 में लोकसभा के लिए चुने गये। इस दौरान विभिन्न कमेटियों के सदस्य के रूप में कार्य किया। 2011 में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल हुए। साथ ही प्रदेश प्रवक्ता एवं प्रदेश महासचिव के रूप में चुने गये। 2012 में असम प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष चुने गये। 2014 में लोकसभा सांसद के रूप में चुने गये तथा केंद्र सरकार में मंत्री बनाये गये। 2016 में उन्हें असम प्रदेश भाजपा का मुख्यमंत्री कैंडिडेट घोषित किया गया। 2016 से 2021 तक माजुली से विधायक निर्वाचित हुए तथा असम के मुख्यमंत्री के रूप में प्रदेश की कमान संभाली। 2021 में फिर से केंद्रीय सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में शामिल हुए।