सिस्टर अभया को 28 साल बाद मिला इंसाफ, फादर थॉमस और सिस्टर सेफी को मिली सजा
तिरुवनंतपुरम। सीबीआई की विशेष अदालत ने 1992 में हुई 19 वर्ष की सिस्टर अभया की हत्या के मामले में दोषी थॉमस कोट्टूर को दोहरे आजीवन कारावास और आरोपी सिस्टर सेफी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई । इससे पहले मंगलवार को सिस्टर अभया हत्याकांड में विशेष अदालत ने पादरी थॉमस कोट्टूर और सिस्टर सेफी को हत्या का दोषी करार दिया था।
विशेष अदालत ने सजा के साथ ही फादर थॉमस कोट्टूर को 6.5 लाख रुपये और सिस्टर सेफी को 5.5 लाख रुपये का जुर्माना भरने का दंड दिया है। हत्या के आरोप में कोट्टूर को आजीवन कारावास और 5 लाख रुपये जुर्माना तथा कॉन्वेंट में अतिचार के लिए आजीवन कारावास और 5 लाख रुपये का जुर्माना और साक्ष्य नष्ट करने के लिए उन्हें 7 साल की सजा और 50,000 रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है।
अनैतिक गतिविधियों की थी गवाह -
सिस्टर सेफी को हत्या का दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास और 5 लाख रुपये का जुर्माना की सजा सुनाई गई है। सबूत नष्ट करने के लिए उसे 7 साल की सजा और 50,000 रुपये का जुर्माना की सजा सुनाई गई है। फैसला सुनाने के दौरान थॉमस कोट्टूर और सिस्टर सेफी दोनों कोर्ट में मौजूद थे।सीबीआई ने 2008 में मामले की जांच अपने हाथ में ली थी। अभियोजन के अनुसार, अभया पर कुल्हाड़ी के हत्थे से हमला किया गया था, क्योंकि वह कुछ अनैतिक गतिविधियों की गवाह थी, जिसमें तीनों आरोपी शामिल थे।