उत्तराखंड : रंग लाई पुष्कर सिंह धामी की मेहनत, जीत गई 41 जिंदगी

उत्तराखंड : रंग लाई पुष्कर सिंह धामी की मेहनत, जीत गई 41 जिंदगी
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ज़िंदगी और मौत की जंग में आखिरकार ज़िंदगी जीत गई...

देहरादून। उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल में फंसे 41 मजदूर आखिरकार सकुशल बाहर आ ही गए । उत्तरखंड के उत्तरकाशी में दिवाली के दिन से एक युद्ध चल रहा था । ये लड़ाई प्रकृति की तरफ से आई विपत्ति और कर्मकार श्रमिकों के जज्बे के बीच थी और इस लड़ाई के कमांडिंग ऑफिसर यानि लीडर थे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी । 17 दिन से चल रहे इस जंग पर भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व की निगाहें टिकीं थीं। पूरी दुनिया के एक्सपर्ट्स 41 ज़िंदगियों को बचाने के लिए हाई टेक्नॉलजी और बारीकियों का इस्तेमाल करते हुए मुख्यमंत्री धामी के साथ दिन-रात लग कर मजदूरों को बचाने की कोशिश कर रहे थे। ज़िंदगी और मौत के बीच चल रही 17 दिन के इस युद्ध को देख भारत और पाकिस्तान के बीच हुए 1971 का युद्ध अनायास ही याद आया। ये युद्ध भी कुछ 17 दिन ही चला था। इस युद्ध में भारत की जीत इसलिए भी हुई क्योंकि इस युद्ध के उस व्यक्त के सेनाध्यक्ष जनरल मानेक शॉ का जज्बा जबरदस्त था। साथ में गजब का संयम भी उन्होंने अपने अंदर समा रखा था। यह जज्बा और संयम पूरी सेना को जोशीला बना का रखने का काम तो करता ही था साथ ही जोश में जब रुकावटें आयें तो होश को कैसे बनाए रखना है ये भी बाखूबी बताता था।

उत्तराखंड सिलक्यारा रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला । इस रेस्क्यू ऑपरेशन मे न जाने कितनी ही रुकावटें आईं , कितनी बार बचाव कार्य को रोकना पड़ा । जब पूरी दुनिया बचने की उम्मीद छोड़ने लगती थी तब उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी घटना स्थल पर पहुँच कर टनल में फंसे मजदूरों के साथ नई नई टेक्नॉलजी का इस्तेमाल करते हुए उनसे संपर्क साधते थे और उनसे और उनके परिवार के साथ बातें करते थे। उनका हौसला बढ़ाते हुए कहते थे कि आप धीरज मत खोइए, आपको बचना हमारी प्रथम जिम्मेदारी है । जैसे-जैसे दिन बितते गए मुख्यमंत्री धामी की चिंता भी साफ दिखने लगी और फिर मुख्यमंत्री धामी ने बचाव और राहत कार्य समाप्त होने तक सिलक्यारा को ही अपना कार्य स्थल बना लिया। 24 घंटे बचाव कार्य की एक-एक गतिविधि पर अब सीएम धामी की नजर बनी रहती थी।

आखिरकार मुख्यमंत्री धामी ने टनल में फंसे मजदूरों और उनके परिजनों के साथ अपने किये हुए वादे को पूरा किया। उत्तरकाशी टनल हादसे में 17वें दिन बड़ी सफलता मिली। आखिरकार टनल में फंसे 41 मजदूरों को सही सलामत बाहर निकाल लिया गया और प्राथमिक उपचार के बाद एम्बुलेंस के जरिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चिन्यालीसौड़ में शिफ्ट किया गया। बचाव अभियान की सफलता की सूचना आते ही और मजदूरों के बाहर निकलते ही सुरंग के बाहर खड़े मजदूरों और परिजनों ने 'जय श्रीराम' के नाम के जयकारे लगाए और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को हाथ जोड़ कर धन्यवाद कहा। जैसे ही श्रमिकों का बाहर निकलने का सिलसिला शुरू हुआ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भावुक नजर आए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बाहर निकाले गए सभी श्रमिकों को गले लगा कर मुलाकात की। केंद्रीय राज्य मंत्री सेवानिवृत जनरल वीके सिंह भी वहाँ मौजूद रहे । मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने श्रमिकों और रेस्क्यू अभियान में जुटे हुए कर्मियों के मनोबल और साहस की जमकर सराहना की और सिलकयारा टनल में फंसे 41 श्रमिकों के सकुशल बाहर निकलने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अभियान में जुटे समस्त बचाव दल को अपनी शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा की श्रमिकों और उनके परिजनों के चेहरों की खुशी ही मेरे लिए इगास बग्वाल यानि दिवाली है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बचाव दल की तत्परता, टेक्नोलॉजी के सहयोग, सुरंग के अंदर फंसे श्रमिक बंधुओं की जीवटता, बौखनाग देवता की कृपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की जा रही पल- पल निगरानी से यह अभियान सफल हुआ। टनल से बाहर निकाले गए श्रमिकों का प्रारंभिक स्वास्थ्य परीक्षण वहीं टनल में बनाए गए अस्थाई मेडीकल कैंप में किया गया।

रेस्क्यू ऑपरेशन की अगर बात करें तो सबसे पहले मंगलवार दिन में ही बचाव कार्य में लगे लारसन एंड ट्यूबरों टीम का नेतृत्व कर रहे क्रिस कूपर ने श्रमिकों का इंतजार जल्द खत्म होने की भविष्यवाणी की और शाम पाँच बजे तक श्रमिकों के बाहर आने के संकेत दिए । बता दें कि भारी और शक्तिशाली 25 टन वजनी अमेरिकी ऑगर मशीन से सुरंग में हॉरिजॉन्‍टल ड्रिलिंग के दौरान शुक्रवार को मशीन के कई हिस्से मलबे में फंसने के कारण काम में व्यवधान आ गया था। इसके बाद सुरंग में हाथ से ड्रिल कर पाइप डालने की रणनीति अपनाई।

इन सब के बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सुरंग में फंसे सभी श्रमिकों को एक-एक लाख की आर्थिक सहायता देने और अस्पताल में पूरा इलाज, घर जाने तक का पूरा खर्च उठाने का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री धामी ने बौख नाग देवता का मुख्यमंत्री ने किया आभार प्रकट करते हुए बोला है कि मुझे भरोसा था लोकदेवता अभियान को सफल जरूर बनाएंगे। बता दें की ये वही बौखनाग देवता हैं जिनके मंदिर को शिफ्ट कर के टनल बनाया जा रहा था। मंगलवार सुबह भी जब मुख्यमंत्री धामी रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहे घटना स्थल पर पहुंचे तो उन्होंने बौखनाग देवता से सफलता की प्रार्थना की थी। मुख्यमंत्री ने कहा है कि बाबा बौखनाग और देवभूमि के देवी-देवताओं की कृपा से ऑपरेशन सफल हुआ है। कहा कि बौखनाग देवता का सिलक्यारा में भव्य मंदिर बनाया जाएगा। इसके लिए अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा बौखनाग के आशीर्वाद से सभी श्रमिक सुरक्षित बाहर निकल आये हैं। ग्रामीणों ने बाबा बौखनाग के मंदिर बनाने की मांग उठाई है। इस मांग को सरकार पूरा करेगी। मुख्यमंत्री द्वारा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। जल्द मंदिर निर्माण की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।

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