गुजरात का एक गांव ऐसा भी, जहां के निवासी गुजराती लेकिन वोट मप्र में डालते है
अहमदाबाद। गुजरात विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए चुनाव प्रचार पूरे जोर शोर पर है। प्रचार के अंतिम दिनों में राजनीतिक दलों नेताओं के धुआंधार प्रचार चल रहा है। ऐसे में गुजरात के ही एक सीमावर्ती गांव में न चुनावी शोर-शराबा है, न राजनीतिक बतकही। यहां लोग रोजमर्रा की तरह बस अपने-अपने काम में लगे हैं। यह गांव भौगोलिक रूप से गुजरात में है, लेकिन प्रशासनिक रूप से मध्यप्रदेश से जुड़ा है और यहां के लोग मध्य प्रदेश के चुनाव में मतदान करते हैं।
छोटा उदेपुर जिले के टीमला गांव के समीप सजनपुर गांव है, जिसकी आबादी करीब 12 सौ है। गांव के पूर्व सरपंच गमजी हीरालिया ने बताया कि सजनपुर एक अनोखा गांव है, जो भौगोलिक रूप से गुजरात से चारों ओर से घिरा हुआ है, परंतु प्रशासनिक तौर से यह मध्यप्रदेश का भाग है। इस वजह से गुजरात के राजनेता भाग्यवश ही इस गांव की ओर रुख करते हैं। सजनपुर गांव मध्यप्रदेश की सीमा से तीन किलोमीटर दूर है। यहां लगे अधिकांश साइनबोर्ड हिंदी में लिखे मिलते हैं। इस गांव में हिंदी और गुजराती भाषा बोली जाती है। गांव के स्कूल में बच्चों को हिंदी में पढ़ाया जाता है। मध्यप्रदेश जाने के लिए यहां के लोगों को गुजरात के गांवों से होकर गुजरना पड़ता है।
कच्ची सड़क -
ग्रामीण बताते हैं कि हम घरों में थोड़ा-बहुत गुजराती भाषा का इस्तेमाल करते हैं। इस गांव के लोगों को मध्य प्रदेश की सरकार से कोई शिकायत नहीं है। मध्य प्रदेश में से अलग-थलग होने के बावजूद यहां की सरकार हमारा ध्यान रखती है। सजनपुर गांव को जोड़ने वाली सड़क, जो गुजरात के हिस्से में हैं, वह आजादी के 75 साल बाद भी अभी तक कच्ची सड़क ही है।