प्रवासियों का ट्रेन से आने का पूरा खर्च उठाएगी पश्चिम बंगाल सरकार : ममता

प्रवासियों का ट्रेन से आने का पूरा खर्च उठाएगी पश्चिम बंगाल सरकार : ममता
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नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने शनिवार को ऐलान किया कि वो अपने राज्य के प्रवासियों का ट्रेन से आने का पूरा खर्च उठाएगी। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि किसी भी प्रवासी से टिकट का पैसा नहीं लिया जाएगा। ममता बनर्जी ने कहा कि प्रवासी भाईयों को जिस प्रकार से कठिक परिस्थितियों का सामना करना पड़ा रहा है, मैं उन्हें सलाम करती हूं। मुझे अन्य राज्यों से स्पेशल ट्रेनों द्वारा पश्चिम बंगाल पहुंच रहे प्रवासी कामगारों का पूरा खर्च वहन करने इस फैसले की घोषणा करते हुए प्रसन्नता हो रही है।

बता दें कि कोरोना लॉकडाउन की वजह से अधिकतर कंपनियों में काम ठप पड़ा है। ऐसे में प्रवासी मजदूरों के सामने संकट की स्थिति पैदा हो गई है। जिसके बाद भारी संख्या में प्रवासी अपने गृह राज्य लौटने लगे हैं। प्रवासियों को उनके गृह राज्य तक छोड़ने के लिए रेलवे की ओर से श्रमिक स्पेशल का संचालन किया जा रहा है।

भारतीय रेलवे ने शनिवार को कहा कि 15 मई की मध्यरात्रि तक 14 लाख से अधिक लोगों को ट्रेनों के जरिए उनके गृह राज्यों में वापस भेजा गया है। रेलवे ने कहा कि श्रमिकों को वापस भेजने के लिए देशभर में 1074 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया है। पिछले 3 दिनों के दौरान, हर दिन 2 लाख से अधिक लोगों को भेजा जा रहा है।

भारतीय रेल को पिछले 15 दिन में प्रवासी कामगारों को घर पहुंचाने के लिए राज्यों से 1,000 से ज्यादा ट्रेनों के परिचालन की अनुमति मिली है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, सबसे ज्यादा संख्या में प्रवासी कामगार उत्तर प्रदेश लौटे हैं, वहीं अपने लोगों को वापस बुलाने में बिहार दूसरे नंबर पर है।

आंकड़ों के अनुसार, पश्चिम बंगाल ने आठ, राजस्थान ने 23, झारखंड ने 50 और ओडिशा ने 52 ट्रेनों के परिचालन की अनुमति दी है। भारतीय रेल कोविड-19 लॉकडाउन के कारण देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे प्रवासी कामगारों को उनके घर पहुंचाने के लिए एक मई से श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चला रही है।

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