पटना की टीम ने की उपरडीह शराब कांड के अभियुक्त को रुपये लेकर छोड़े जाने की जांच,हटाए गए थानाध्यक्ष

पटना की टीम ने की उपरडीह शराब कांड के अभियुक्त को रुपये लेकर छोड़े जाने की जांच,हटाए गए थानाध्यक्ष
थाना प्रभारी तथा मामले में सम्मिलित जमादार को हटाना पड़ा। अगर जांच का जिम्मा पुलिस मुख्यालय द्वारा शुरू किया गया है। पुलिस चरित्र पर पुलिस के कारनामे की कलई खुल जाएगी।

नवादा । नवादा जिले के सिरदला थाना इलाके के बहुचर्चित उपरडीह शराब कांड में रुपये लेकर थाने से ही अभियुक्त को छोड़ने के मामले की जांच पटना पुलिस मुख्यालय टीम ने शुरू कर दी है। इस जांच से पुलिस अधिकारियों के साथ ही नवादा एसपी की भी चेहरे की हवाइयां उड़ा दी है, क्योंकि आज तक एसपी ने भी थाने में हो रहे रुपए के धंधे की खेल पर पर्दा डालते हुए अपने निचले अधिकारियों की ही मदद की है। उनकी मजबूरी हुई कि इस घटना में पुलिस की फजीहत को देखते हुए थाना प्रभारी तथा मामले में सम्मिलित जमादार को हटाना पड़ा। अगर जांच का जिम्मा पुलिस मुख्यालय द्वारा शुरू किया गया है। पुलिस चरित्र पर पुलिस के कारनामे की कलई खुल जाएगी।

इस सिलसिले मे पटना पुलिस मुख्यालय स्थित मद्य निषेध विभाग की तीन सदस्यीय टीम सिरदला पहुंचकर मामले का जायजा लिया। टीम चौकीदार दिनेश कुमार यादव के साथ उपरडीह भट्टबीघा गांव स्थित बब्लू चौधरी के घर पहुंची, जहां मौजूद लोगों से जरूरी पूछताछ की। करीब आधे घंटे उपरडीह गांव में पूछताछ कर जांच टीम वापस सिरदला थाना पहुंची। जांच टीम थाना में लगे सीसीटीवी के फुटेज की जांच पड़ताल की। इसके अलावा कांड दैनिकी और एफआईआर सहित अन्य जरूरी जानकारियां इकट्ठा की।

जानिए क्या है पूरा मामला

07 दिसंबर गुरुवार को सिरदला पुलिस द्वारा उपरडीह_भटबीघा गांव से देशी शराब की बरामदगी की गई थी। इस मामले में संदेह के आधार पर बबलू चौधरी और उसके बाइक को भी जब्त कर थाना लाया गया था। इसी दिन शाम को बबलू को छोड़ दिया गया था। उसकी बाइक को भी मुक्त कर दिया गया था। पुलिस द्वारा यह बताया गया था कि शराब लावारिश हाल में झाड़ी से बरामद हुआ था। बबलू के खिलाफ साक्ष्य नहीं मिला।

मामला तब पेचीदा हो गया जब यह बात मीडियाकर्मियों तक पहुंची। पुलिस द्वारा बताया गया कि शराब जब्ती के बाबत सनहा दर्ज किया गया है। जबकि कानून इसकी इजाजत नहीं देता है। कानूनन अज्ञात के खिलाफ एफआईआर किया जाना था। खबर मीडिया की सुर्खियां बनी तो 13 दिसंबर को एफआईआर दर्ज किया गया। एफआईआर में जिक्र किया गया कि 11 दिसंबर को एसडीपीओ रजौली के कार्यालय से प्राप्त आदेश के आलोक में शराब जब्ती की एफआईआर दर्ज कराई कराई जा रही है। कांड के सूचक बने थे सिरदला थाना में कार्यरत जमादार चुनचुन दास।

शराब जब्ती का सनहा बन गया फांस

शराब जब्ती का एफआईआर की जगह सनहा दर्ज किया जाना सिरदला पुलिस के गले की फांस बन गया। पुलिस मुख्यालय द्वारा जांच शुरू कर दी गई है। इस बीच एसपी नवादा ने वहां के थानाध्यक्ष सरोज कुमार और कांड के सूचक चुनचुन दास को वहां से हटाकर पुलिस लाइन में योगदान करने का आदेश जारी कर दिया।

जांच टीम की रिपोर्ट के बाद बड़ी कार्रवाई संभव

मामले की जांच करने पटना से आई टीम की रिपोर्ट काफी अहम होगा। इस रिपोर्ट के आधार पर दोषी चिन्हित होंगे और आगे की कार्रवाई होगी। जो संभावना जताई जा रही है उसमें दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी तय है। शराब के मामले में करप्शन पर सरकार की पॉलिसी जीरो टॉलरेंस की रही है। नवादा पुलिस अधिकारी कोई भी शिकायत पर सही तरीके से जांच कर कार्रवाई की जरूरत नही समझते थे,जिसकी पोल खुल गई।

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