Allahabad high court justice: इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव, सिब्बल समेत 55 सांसदों ने किया समर्थन
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Judge Shekhar Kumar Yadav
Allahabad high court justice : इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश शेखर कुमार यादव पर विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के कार्यक्रम में कथित तौर पर की गई टिप्पणी को लेकर विपक्ष ने शुक्रवार को राज्यसभा में उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पेश करने का नोटिस दिया है, जिसमें कपिल सिब्बल, दिग्विजय सिंह, विवेक तन्खा सहित 55 विपक्षी दलों के सांसदों के हस्ताक्षर शामिल हैं।
न्यायाधीश यादव के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पेश करने का यह नोटिस शुक्रवार को राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होने से कुछ समय पहले राज्यसभा के महासचिव को सौंपा गया है। इस नोटिस में न्यायाधीश पर अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने का आरोप है। राज्यसभा में न्यायाधीश यादव के खिलाफ विपक्ष ने महाभियोग प्रस्ताव पेश करने का यह नोटिस ऐसे समय दिया है, जब सुप्रीम कोर्ट ने उनके बयानों पर स्वत: संज्ञान लेते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट से रिपोर्ट देने को कहा है।
उनके बयान पर संविधान के उल्लंघन का आरोप
जानकारी के मुताबिक विपक्ष ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश शेखर कुमार यादव के खिलाफ दिए महाभियोग प्रस्ताव के नोटिस में कहा है कि न्यायाधीश यादव के कार्य संविधान के अनुच्छेद 51ए (ई) के तहत निहित नीति- निर्देशक सिद्धांतों का उल्लंघन करते हैं, जो सद्भाव को बढ़ावा देने और व्यक्तियों की गरिमा के लिए अपमानजनक प्रथाओं को त्यागने का आदेश देते हैं।
इन सासंदों के द्वारा किया गया हस्ताक्षर
नोटिस में विपक्षी सांसदों ने सभापति से प्रस्ताव को तुरंत स्वीकारने और न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पेश करने की अनुमति मांगी है। जानकारी के मुताबिक राज्यसभा में न्यायाधीश यादव के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पेश करने के लिए दिए गए नोटिस में जिन प्रमुख विपक्षी सांसदों के हस्ताक्षर किए है, उनमें कपिल सिब्बल, जान ब्रिटास, पी चिदंबरम, रणदीप सिंह सुरजेवाला, विवेक तन्खा, प्रमोद तिवारी, दिग्विजय सिंह, मनोज कुमार झा, जयराम रमेश,साकेत गोखल, नसीर हुसैन, मुकुल वासनिक,राघव चड्ढा, फौजिया खान, संजय सिंह, एए रहीम, वी शिवदासन और रेणुका चौधरी शामिल हैं ।
नोटिस में क्या कहा गया
नोटिस में कहा गया है कि न्यायाधीश की सार्वजनिक टिप्पणियां भड़काऊ व पूर्वाग्रह से ग्रसित है। इस मौके पर उन्होंने अल्पसंख्यकों पर सीधा निशाना साधा है । साथ ही न्यायाधीश यादव ने अपने व्याख्यान में जोर देकर यह कहा था कि देश बहुसंख्यकों की इच्छा के अनुसार कार्य करेगा।