Mahakumbh 2025: महाकुंभ में नाविकों की मनमानी, सरकारी रेट 150 के बावजूद श्रद्धालुओं से वसूल रहे 5 हजार रूपए
![Mahakumbh 2025 Mahakumbh 2025](https://www.swadeshnews.in/h-upload/2025/02/11/1472526-subject-62.webp)
Mahakumbh 2025
Mahakumbh 2025: महाकुंभ में संगम स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को नाविकों की मनमानी का सामना करना पड़ रहा है। सरकारी दरों के बावजूद नाविक प्रति व्यक्ति एक से पांच हजार रुपये तक वसूल रहे हैं। प्रशासन ने अधिकतम किराया 150 रुपये तय किया है, लेकिन नाविक खुलेआम श्रद्धालुओं से मनमानी रकम मांग रहे हैं। विरोध करने पर श्रद्धालुओं को नाव में बैठाने से मना कर दिया जाता है, जिससे लोग मजबूर होकर अधिक पैसा चुकाने को विवश हैं।
श्रद्धालुओं की शिकायतें सही पाई गईं
मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो जो श्रद्धालु प्रयागराज संगम में स्नान करने आये हैं उनसे पूछने पर उन्होने बताया कि अरैल घाट से संगम जाने के लिए नाविक ने प्रति व्यक्ति 2500 रुपये मांगे। जब उन्होंने इसका विरोध किया, तो नाविक ने उन्हें नाव में बैठाने से मना कर दिया। अंततः उन्हें भारी रकम चुकानी पड़ी। इसी तरह, सरस्वती घाट से संगम स्नान के लिए आए श्रद्धालुओं से प्रति व्यक्ति 1000 रुपये की दर से 3000 रुपये लिए गए। गऊघाट, इमलीघाट, सरस्वती घाट और किलाघाट पर भी यही स्थिति बनी हुई है। किलाघाट पर मौजूद श्रद्धालु राजकुमार ने संगम जाने के लिए 1500 रुपये किराए का भुगतान किया। लोग नाविकों के सामने गिड़गिड़ाते दिखे, लेकिन नाविक किसी की सुनने को तैयार नहीं थे।
नाविकों की मनमानी
महाकुंभ मेला प्राधिकरण ने सभी घाटों से संगम तक जाने के लिए नाव का किराया पहले ही तय कर दिया था। बलुआघाट से संगम का किराया 150 रुपये, गऊघाट से 120 रुपये, इमलीघाट और मिंटोपार्क से 115 रुपये, किलाघाट से 90 रुपये, अरैल घाट से 75 रुपये और सोमेश्वर घाट से 60 रुपये निर्धारित किया गया है। पहले से रेट तय होने के बावजूद नाविक प्रशासन की इन दरों को पूरी तरह नजरअंदाज कर रहे हैं और श्रद्धालुओं से मनमानी रकम वसूल रहे हैं। श्रद्धालुओं का कहना है कि प्रशासन इस लूट पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा, जिससे आम लोगों की परेशानी बढ़ रही है। महाकुंभ में लाखों श्रद्धालु संगम स्नान के लिए पहुंच रहे हैं, लेकिन इस तरह की मनमानी से उनकी धार्मिक यात्रा कठिन होती जा रही है। प्रशासन को तत्काल इस पर सख्त कदम उठाने की जरूरत है ताकि श्रद्धालुओं को राहत मिल सके।