सीमेंट से भरा गया ढाल-पताका लगाने का स्थान: संभल का नेजा मेला स्थगित करने का मामला, एसीपी-सीओ समेत भारी फोर्स तैनात…

संभल का नेजा मेला स्थगित करने का मामला, एसीपी-सीओ समेत भारी फोर्स तैनात…
X
कमेटी का दावा-1000 साल से लगता चला आ रहा है मेला, एएसपी बोले-गलत परंपराओं के साथ आगे बढ़ना ठीक नहीं

संभल। सैयद सालार मसूद गाजी की याद में हर साल लगने वाले नेजा मेले को इस पर प्रशासन ने अनुमति नहीं दी है। जिस जगह पर मेले के लिए ढाल और पताका लगाई जानी थी, मंगलवार को उस स्थान को सीमेंट से कवर करा दिया गया।

मौके पर भारी फोर्स की तैनाती कर दी गई है। एएसपी और सीओ समेत अन्य अफसर भी मुस्तैद दिखे। ड्रोन से निगरानी भी की जा रही है। एहतियातन गांव में पुलिस, पीएसी और आरएएफ के दस्ते को तैनात किया गया है।

संभल में होली के बाद दूसरे मंगलवार को सैयद सालार मसूद गाजी की याद में नेजा मेला लगता रहा है। मेले के लिए होली के बाद वाले पहले मंगलवार को ढाल और पताका लगाने की परंपरा रही है।

सदर कोतवाली के ठीक सामने चमन सराय मोहल्ले में इसके लिए जगह भी निर्धारित है। मंगलवार सुबह ही इस मोहल्ले में एएसपी और सीओ समेत भारी फोर्स पहुंच गई। पुलिस की मौजूदगी में ढाल-पताके वाले स्थान को सीमेंट से ढकवा दिया गया। इस दौरान सुरक्षा-व्यवस्था पुख्ता रही। पुलिस, पीएसी और आरपीएफ जवानों ने फ्लैग मार्च किया। ड्रोन से भी निगरानी की जा रही है।

एएसपी बोले- गलत थी परंपरा, इसलिए नहीं दी अनुमति : एएसपी श्रीश चंद्र ने बताया कि नेजा मेला लगाने की परंपरा गलत थी। गलत परंपराओं के साथ आगे बढ़ना ठीक नहीं है। इसी वजह से इस बार अनुमति नहीं दी गई। दूसरे पक्ष की ओर से भी आपत्ति दर्ज कराई गई है। उनका कहना है कि सैयद सालार मसूद गाजी गजनवी का सगा भांजा था। वह लूटमार के उद्देश्य से देश में आया था। उसकी याद में पताका और ढाल लगाना ठीक नहीं है। मेले के पक्ष में खड़े लोग कहीं भी जाने को स्वतंत्र हैं।

तथ्यात्मक रूप से सभी पटल पर यह अवगत कराया जाएगा कि मेला अवैध था, इसलिए अनुमति नहीं दी गई। एसपी ने बताया कि सोशल मीडिया पर नजर रखी जा रही है। अफवाह फैलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

अब सोमवार को हुए घटनाक्रम के बारे में जानिए : नेजा मेला कमेटी के लोग मेले की अनुमति के लिए सोमवार को सदर कोतवाली में एएसपी श्रीश चंद्र से मिलने पहुंचे थे। इस दौरान कमेटी ने वर्षों से चली आ रही परंपरा का हवाला देते हुए अनुमति देने की मांग की थी।

इस पर एएसपी ने कहा था कि सैयद सालार मसूद गाजी के नाम पर मेले के आयोजन को अनमति नहीं दी जा सकती। जिसने सोमनाथ मंदिर को लूटा उसकी याद में मेला नहीं लगने दिया जाएगा। पताका और ढाल लगाने वाले देशद्रोही कहलाएंगे।

पढ़िए कौन था सैयद सालार मसूद गाजी : महमूद गजनवी दुनिया के सबसे क्रूर शासकों में से एक था। उसने गुजरात के सोमनाथ मंदिर में लूटपाट की थी। शिवलिंग को भी खंडित कर दिया था। तुर्क मुस्लिम शासक गजनवी ने बड़े पैमाने पर हिंदुओं का मत परिवर्तन कराया था। कई रियासतों को खत्म कर दिया। सैयद सालार मसूद गाजी महमूद गजनवी का ही सगा भांजा था।

वह गजनवी का सेनापति था। दोनों ने मिलकर देश का खजाना लूटा। देश को कमजोर बनाने की कोशिश की। सालार मसूद गाजी की कब्र बहराइच में है।

जानिए क्या है नेजा मेला : सालार मसूद गाजी की याद में यहां मेला लगता रहा है। होली के बाद दूसरे मंगलवार को यह मेला लगता है। इस बार 25, 26 और 27 मार्च को मेला लगना था। कमेटी की ओर से इसका ऐलान भी कर दिया गया था।

इस बार 18 मार्च को पताका और ढाल गाड़ने की तैयार थी। यह मेला संभल, शहबाजपुरा सूरा नगला के अलावा बादल गुंबद पर भी लगता रहा है।

Tags

Next Story