किसानों का दिल्ली कूच: बैरिकेड्स तोड़ आगे बढ़े प्रदर्शनकारी, ट्रैफिक जाम और सुरक्षा अलर्ट…
नोएडा, यूपी | अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने दलित प्रेरणा स्थल पर पुलिस बैरिकेड्स पार कर दिल्ली की ओर मार्च शुरू कर दिया है। यह किसान उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए हैं और भूमि मुआवजा, नए कृषि कानूनों के तहत लाभ और अन्य मांगों को लेकर केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए 'दिल्ली चलो' आंदोलन कर रहे हैं।
किसानों का यह मार्च संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान हो रहा है, जिससे सरकार पर उनकी मांगों को पूरा करने का दबाव बढ़ गया है। भारी संख्या में जुटे किसानों ने दिल्ली की ओर ट्रैक्टर और पैदल मार्च शुरू किया, जिससे दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
#WATCH | Noida, UP | Protesting farmers climb over police barricades at Dalit Prerna Sthal as they march towards Delhi over their various demands pic.twitter.com/39xs9Zx5mn
— ANI (@ANI) December 2, 2024
किसानों की मुख्य मांगें
- किसान अपनी पांच मुख्य मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं:
- भूमि मुआवजा की तुरंत अदायगी।
- नए कृषि कानूनों के तहत लाभ की गारंटी।
- न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानूनी गारंटी।
- किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों की वापसी।
- किसानों के साथ संवाद और उनकी समस्याओं का समाधान।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
दिल्ली पुलिस और गौतम बुद्ध नगर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए तीन-स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था लागू की। हजारों पुलिसकर्मियों की तैनाती के साथ रूट डायवर्जन और वाहनों की चेकिंग की गई। पुलिस ने स्पष्ट कर दिया है कि किसानों को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। नोएडा के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त शिवहरी मीना ने कहा, "हमने कुछ किसान नेताओं को हिरासत में लिया है और किसानों को रोकने के लिए पूरी तैयारी की गई है।"
ट्रैफिक पर असर और वैकल्पिक रूट
किसानों के प्रदर्शन के चलते डीएनडी फ्लाईवे और चिल्ला बॉर्डर पर भारी ट्रैफिक जाम हुआ। पुलिस ने कुछ मार्ग बंद कर दिए हैं और वाहन चालकों को मेट्रो का इस्तेमाल करने की सलाह दी है।
वैकल्पिक रूट: चिल्ला बॉर्डर से ग्रेटर नोएडा जाने वाले वाहन सेक्टर 14ए फ्लाईओवर, गोलचक्कर चौक और सेक्टर 15 के रास्ते जा सकते हैं।
किसानों का नेतृत्व
इस प्रदर्शन का नेतृत्व भारतीय किसान परिषद (BKP), किसान मजदूर मोर्चा (KMM), और संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) जैसे संगठनों ने किया। मार्च में गौतम बुद्ध नगर, आगरा, अलीगढ़, बुलंदशहर समेत 20 जिलों के किसान शामिल हैं।
सरकार और किसान आमने-सामने
किसानों का यह आंदोलन सरकार के सामने एक बड़ी चुनौती बन गया है। संसद सत्र के बीच हो रहा यह प्रदर्शन किसानों की मांगों को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव डालने की कोशिश है। देखना यह है कि यह आंदोलन बातचीत की दिशा में बढ़ता है या और उग्र रूप लेता है।