गोपामऊ: किंगमेकर की भूमिका में सवर्ण मतदाता, अभी भाजपा के पास

गोपामऊ: किंगमेकर की भूमिका में सवर्ण मतदाता, अभी भाजपा के पास
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मतदाताओं के मिजाज से साफ है कि इस बार भाजपा सपा में मुकाबला दिलचस्प है। बसपा प्रत्याशी जनसेवा इस मुकाबले में नया गुल...

हरदोई(अखिलेश सिंह)। जिले में 23 फरवरी को मतदान होना है जिसको लेकर सभी प्रत्याशी मतदाताओं को लुभाने में लगे हुए हैं सभी मतदाता अपने-अपने दल की उपलब्धियों का बखान करते हुए मान-मनौवल और चिरौरी करते हुए नजर आ रहे हैं। 2012 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई गोपामऊ सीट पर इस बार भाजपा ने अपनी सिटिंग विधायक श्याम प्रकाश, सपा ने राजेश्वरी देवी, बसपा ने सर्वेश जनसेवा व कांग्रेस ने सुनीता देवी को चुनावी मैदान में उतारा है।

मतदाताओं के मिजाज से साफ है कि इस बार भाजपा सपा में मुकाबला दिलचस्प है। बसपा प्रत्याशी जनसेवा इस मुकाबले में नया गुल खिला सकते हैं। कांग्रेस प्रत्याशी जिला पंचायत सदस्य सुनीता देवी का उनका पहला चुनाव है। भारतीय जनता पार्टी ने अपने सिटिंग विधायक को एक बार फिर चुनावी मैदान में उतारकर उन पर भरोसा जताया है। सुरक्षित गोपामऊ विधानसभा सीट पिछले एक दशक से विधायक श्याम प्रकाश की बेबाक टिप्पणी और बयानबाजी के लिए जानी जाती है पारी की सरकार होने के बावजूद वह समय-समय पर वर्तमान सरकार के क्रियाकलापों पर भी टिप्पणी करते रहे हैं।

गोपामऊ की जनता ने कई बार श्याम प्रकाश को विधायक बनाकर सर आंखों पर बिठाया है वर्तमान बीजेपी सरकार के विरुद्ध मुखर होकर जनहित के मुद्दे उठाने के कारण वे हमेशा सुर्खियों में बने रहे हैं। वे जनता के बीच जाकर योगी और मोदी सरकार के द्वारा किए जा रहे जनहित के कार्यों के अलावा सबका साथ सबका विकास नारा को एक बार फिर दोहरा रहे हैं तथा छोटी मोटी हुई त्रुटियों की गलतियों को भुलाकर अधूरे कार्यों को पूरा करने के लिए एक बार फिर उन्हें जिताने की अपील कर रहे हैं। इसके अलावा समाजवादी पार्टी ने पूर्व विधायक व 2017 के चुनाव में दूसरे स्थान पर रहीं राजेश्वरी देवी को चुनावी मैदान में उतारा है।

राजेश्वरी देवी पासी समाज के अगुआ व पूर्व मंत्री स्वर्गीय परमाई लाल की बहू हैं वह पूर्व में दो बार विधानसभा का सफर तय कर चुकी है वे जनता के बीच एक बार फिर जाकर सपा की अखिलेश सरकार के द्वारा किए गए कार्यों की दुहाई देते हुए अपने घर की बहू को जिताने की अपील कर रही हैं हालांकि राजेश्वरी के लिए भी सीट पर जीत आसान नहीं है। इसके अलावा बसपा ने सर्वेश जनसेवा को चुनावी मैदान में उतारा है वर्तमान बसपा प्रत्याशी कांग्रेस से लोकसभा चुनाव लड़ने के बाद भाजपा में शामिल हो गए थे उसके बाद टिकट न मिलने पर भाजपा से नाराज होकर बसपा से प्रत्याशी बनाए गए हैं। टिकट मिलने के सहारे से उन्होंने क्षेत्र में भाजपा की उपलब्धियों का बखान करते हुए काफी जन संपर्क भी किया था। सर्वेश जनसेवा की जाटव समाज में अच्छी पैठ मानी जाती है अभी तक भी भाजपा की उपलब्धियों का बखान करते हुए जनता के बीच में जा रहे थे। अब वह बसपा सरकार की उपलब्धियों तथा अपने को जनता का सच्चा हितैषी बताते हुए मतदाताओं के बीच जाकर जिताने की अपील कर रहे हैं वैसे बसपा प्रत्याशी जनसेवा कुछ नया गुल खिला सकते हैं ।इसी प्रकार कांग्रेसी प्रत्याशी जिला पंचायत सदस्य सुनीता देवी चुनावी मैदान में है वे पूर्व सांसद किंडर लाल की बहू हैं।


राजनीतिक घराने से होने के चलते सुनीता देवी अपनी जीत का दावा कर रही हैं मतदाताओं के बीच जाकर क्षेत्र में जर्जर सड़क, अन्ना पशुओं की समस्या व प्रियंका गांधी के एजेण्डे को लेकर प्रचार कर रही हैं वैसे तो वह अपनी जीत के प्रति काफी आश्वस्त दिख रही हैं, लेकिन उनके लिए जीत की डगर बिल्कुल आसान नहीं है। सूत्रों के आधार पर मिले आंकड़ों की माने तो गोपामऊ विधानसभा में 61 हजार जाटव, 63 हजार पासी, 43 हजार ब्राह्मण, 41 हजार क्षत्रिय ,39 हजार मुस्लिम, 16 हजार वैश्य, 12 हजार यादव ,10 हजार कुशवाहा व लगभग 58 हजार अन्य जातियों के मतदाता अपने नए विधायक का चुनाव करेंगे। 2017 के चुनाव में भाजपा से विजई हुए श्याम प्रकाश को 87,871 मत मिले थे वहीं सपा प्रत्याशी राजेश्वरी देवी को 56,493 व बसपा की मीना कुमारी को 49,847 मत प्राप्त हुए थे। इस विधानसभा सीट पर सवर्ण मतदाताओं पर सभी प्रत्याशियों की निगाहें लगी हुई हैं सवर्ण मतदाताओं में संभावित बड़े विभाजन में एक बड़ा हिस्सा किस और जाएगा यह तो आने वाली 23 फरवरी अपने गर्त में छुपाए हुए है। खामोश बैठा मतदाता प्रत्याशियों के लिए उलझन व चिंता का विषय बना हुआ है। आने वाला समय ही बताएगा कि मतदाता किसे अपना विधायक चुनेगा।

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