हरदोई: मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टर्स की दो टूक, सेंट्रल प्रोटेक्शन एक्ट नहीं, तो ओपीडी नहीं
9 अगस्त को कोलकाता के आरजी मेडिकल कॉलेज की ट्रेनी डॉक्टर मोमिता देवनाथ की बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई थी। पहले पहल इसे आत्महत्या बताया गया। पूरे मामले में प्रिंसिपल और कोलकाता पुलिस का रवैया सवालों में रहा। जांच की आंच मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष पहुंची तो वह कलकत्ता हाईकोर्ट पहुंचे और सुरक्षा मांगी, जान को खतरा बताते हुए। वहीं, सीबीआई ने उन्हें हिरासत में ले पूछताछ की। बात प्रिंसिपल की गिरफ्तारी की भी है, पर पुष्टि नहीं है।
लेकिन, मोमिता देवनाथ मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। डॉक्टर से रेप और मर्डर का मामला पश्चिम बंगाल की हद से बाहर निकल राष्ट्रव्यापी हो गया है। मेडिकल कॉलेजेज के रेजिडेंट डॉक्टर्स की बेमियादी हड़ताल पर मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने उन्हें यह कहते फटकारा है, हड़ताल का ये तरीका बिलकुल ठीक नहीं, किसी की जान निकल रही होगी, तो कहिएगा दो दिन बाद दवाई देंगे ...लेकिन, डॉक्टर्स अपने लिए सेंट्रल प्रोटेक्शन एक्ट और मोमिता के गुनहगारों को फांसी मांग रहे हैं।
जूनियर डॉक्टर्स के सुबह जिला अस्पताल (मेडिकल कॉलेज) से जिंदपीर चौराहा और वहां से वापिस जिला हस्पताल तक पैदल मार्च शामिल रहे इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने गोधूलि बेला में कैंडल मार्च निकाल डॉक्टर बिटिया मोमिता देवनाथ केस की ज्यूडिशियरी इंक्वायरी (न्यायिक जांच) और गुनहगारों को फांसी की मांग की। मार्च आईएमए अध्यक्ष डॉ. अजय अस्थाना और महासचिव डॉ. संदीप कटियार की अगुवाई में विक्टोरिया हॉल से चल कर, गांधी भवन में विसर्जित हुआ।
मार्च में, सीके गुप्ता, अरुण मौर्य, आरती गुप्ता, अंजू गुप्ता, सीपी कटियार, प्रतीक्षा कटियार, पीसी गुप्ता, रजनी गुप्ता, एसके सिंह, एके सिंह, जेबी सिंह, मनोज पटेल, विनीत वर्मा, तिरुपति आनंद, आशिमा आनंद, अमित मिश्रा, शिवानी मिश्रा, सुयश खरे, अमरजीत अजमानी, एके नथानी, रवींद्र सिंह, लाल खान, विमलेश पटेल, कीर्ति कटियार, मेघा पटेल, नीरज वर्मा, अंजलि गुप्ता, स्फूर्ति कटियार, सहित सिटी के सभी मेडिकल प्रैक्टिशनर शामिल रहे।
आभाविप ने फूंका ममता बनर्जी का पुतला
हरदोई। कोलकाता में महिला चिकित्सक से सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के खिलाफ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने सिनेमा चौराहा घेर कर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का पुतला फूंका। विभाग सयोजक श्रेय मिश्र ने कहा, केंद्र सरकार को ऐसे अपराधों के लिए सख्त कानून बनाने पड़ेंगे। समाज में आमजन अपने कार्यक्षेत्र में सुरक्षित नहीं है, ये सुस्त कानून व्यवस्था का परिणाम है। जिला विस्तारक अनुराग, जिला सयोजक प्रांशु, सह सयोजक अभिकेश, इमरान, दुर्गेश, पुनीत, आर्यन, आशुतोष, सोहित, विजय और बहुत अभाविप कार्यकर्ता रहे।