ठेंगे पर प्रभारी मंत्री का आदेश: टड़ियावां में गौशालाओं की दशा-दुर्दशा, भैंसरी में कई गोवंश चढ़े दुर्व्यवस्था की भेंट, अकाल मौत

टड़ियावां में गौशालाओं की दशा-दुर्दशा, भैंसरी में कई गोवंश चढ़े दुर्व्यवस्था की भेंट, अकाल मौत
ग्राम विकास अधिकारी प्रेमपाल अरुण में सीधे सवालों के दिए टेढ़े जवाब, सीवीओ डॉ.अशोक कुमार सिंह ही निभा रहे अपने हिस्से की जिम्मेदारी

हरदोई। पखवाड़ा भर पहले टड़ियावां विकास क्षेत्र की हरिहरपुर गौशाला में एकमुश्त 20 से अधिक गोवंश की दुर्व्यवस्था के चलते मौत के समाचार को ’स्वदेश’ ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था। जनपद के नवनियुक्त प्रभारी मंत्री/समाज कल्याण राज्यमंत्री असीम अरुण ने पहले दौरे में ही ’स्वदेश’ में प्रकाशित समाचार का संज्ञान लेते हुए जिलाधीश की मौजूदगी में गौशालाओं की जांच का आदेश दिया था। जांच के पखवाड़े भर बाद भी हरिहरपुर के जिम्मेदारों पर कोई कार्यवाही नहीं होने का नतीजा शनिवार को भैंसरी गौशाला में कई गोवंशों की अकाल मौत की सूरत में सामने आया है।

शनिवार शाम टड़ियावां ब्लॉक की भैंसरी गौशाला में मृत पड़े और दफनाने के लिए ठेलिया से ले जाते गोवंश का वीडियो वायरल हुआ। तस्वीर में तीन गोवंश मृत पड़े हैं, जिन पर कुत्ते मंडरा रहे हैं। ठेलिया पर गोवंश की मृत देह को ढक कर ले जाया जा रहा है। ग्राम विकास अधिकारी प्रेमपाल अरुण ने कुल तीन गोवंश की मौत की पुष्टि की। हालांकि, प्रत्यक्षदर्शी मृत गोवंश की संख्या अधिक बता रहे थे। हालांकि, गोवंश को आनन-फानन दफना दिया गया। इस बारे में सचिव प्रेमपाल अरुण में सीधे सवालों के टेढ़े जवाब दिए। उन्होंने सीडीओ सौम्या गुरुरानी से मिलने की बात कहकर फोन काट दिया।

इधर, भैंसरी गोशाला में गोवंश की मौत की सूचना के बाद पशुपालन विभाग में मर्दानगी छा गई। हालांकि, इस महकमे की ड्यूटी बीमार गोवंश की चिकित्सा और टीकाकरण की ही है। गौशालाओं में गोवंश के लिए चारा पानी की समुचित व्यवस्था की जवाबदेही संबंधित प्रधान और सचिव की होती है। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. अशोक कुमार सिंह ने बताया, सूचना के बाद महकमे के डॉक्टरों और कर्मचारियों की टीम मौके पर भेजी है। टीम शेष गोवंश की स्वास्थ्य जांच कर एहतियाती कदम उठा रही है। कहा, गौशालाओं पर विभाग की बराबर निगाह रहती है और अप्रिय सूचना पर फौरन से पेश्तर जरूरी कदम उठाए जाते हैं। लेकिन, गोवंश की भूख प्यास का इंतजाम तो इसके जिम्मेदारों को ही करना होता है।

बहरहाल, प्रभारी मंत्री असीम अरुण ने पहली विजिट में ’स्वदेश’ के प्रश्न पर गौशालाओं में व्यवस्थाओं की जांच का पहला आदेश दिया था। लेकिन, जिस हरिहरपुर गोशाला में 20 गोवंश मरने के समाचार का संज्ञान ले जिलाधीश मंगला प्रसाद सिंह की मौजूदगी में असीम अरुण ने जांच का आदेश दिया, था, पखवाड़ा बीतने के बाद भी वहां के जिम्मेदारों पर ही कोई कार्यवाही नहीं दिखी। बाकी गोभक्त सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ भले ही गौशालाओं में गोवंश के सुख सुविधा के लिए खजाने का मुंह खोले हैं, लेकिन हरदोई में गौशालाओं के राम ही हाफिज हैं। हाल ये है, भैंसरी गौशाला में प्रतिदिन दहाई के अंक में गोवंश मरने की चर्चा क्षेत्र में आम है। गांव के लोग एतराज करते हैं तो बताते हैं प्रधान अनिल कुमार उन्हें फर्जी मामलों में फांसने की घुड़की देता है। मतलब सचिव सेर तो प्रधान सवा सेर हैं।

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