हरदोई: ब्रजेश पाठक के गृह जनपद में रोगियों की 'शिराओं' में जा रहा 'अशुद्ध रक्त', मेडिकल कॉलेज ब्लड बैंक ने 'उजागर' की 'शोणित' की 'काली तिजारत'
हरदोई। उप मुख्यमंत्री और सेहत महकमे के वजीर ब्रजेश पाठक के गृह जनपद में उनके अफसरों की नाक के नीचे अजब गजब ही कारनामे उजागर होते हैं। इस बार तो ऐसा मामला सामने आया है, जिसे जान कर रूह कांप जाए। मेडिकल कॉलेज में भर्ती रोगी को खून की जरूरत पर बाहर से ब्लड यूनिट आ गई। यूनिट बैग के वजन से ड्यूटी डॉक्टर को संदेह हुआ तो ब्लड बैंक में जमा कराया। पता चला रक्त गुणवत्ता विहीन है। इसके बाद रोगी को ब्लड बैंक से यूनिट मिली।
कोतवाली देहात क्षेत्र के बहर गांव के कृष्ण मुरारी 13 अक्टूबर से मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में भर्ती हैं। ड्यूटी डॉक्टर विवेक वर्मा ने कृष्ण मुरारी को एक यूनिट ब्लड चढ़ाने की सलाह दी। रोगी का बेटा मधुर मंगलवार रात वह मेडिकल कॉलेज की ही चौहद्दी में विपिन नाम के दलाल से टकराया। उसने किसी शिवाजी के पास सात हजार रुपए में यूनिट दिलाने की बात कही। झांसे में आया मधुर दलाल के संग हो लिया। शिवाजी ने किसी रजत के पास से मैनेज कराने की बात कही। रुपए लेने के दो घंटे बाद मधुर को रात 10 बजे खून की थैली थमा दी गई। वह वार्ड पहुंचा और डॉक्टर को सौंप दी। डॉक्टर को संदेह हुआ तो सुबह चढ़ाने की बात कह ब्लड बैंक में जमा कराने भेज दिया।
खून के सौदागरों के विरुद्ध सिटी कोतवाली जायेगी तहरीर : सुबह मधुर खून लेने पहुंचा तो ब्लड बैंक में ड्यूटी पर मौजूद अकील खान ने कागज और ब्लड बैग का मिलान किया तो फर्जीवाड़ा पकड़ में आया। उन्होंने बिना देरी रक्तकोष प्रभारी डॉ.पवन कुमार को सूचना दी और उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. जेके वर्मा को सूचित किया। उन्होंने कृष्ण मुरारी को निःशुल्क यूनिट मुहैया कराई। सीएमएस ने बताया, रक्त गुणवत्तापूर्ण नहीं प्रतीत हो रहा है, इसलिए जांच को भेजा जा रहा है। उन्होंने मामले में सिटी कोतवाली पुलिस को तहरीर देने की भी बात कही, ताकि खून के सौदागरों पर कानूनी शिकंजा कस सके। उन्होंने विभागीय जांच की भी बात कही।