हरदोई: दो हंसों का जोड़ा बिछड़ गयो रे गजब भयो रामा जुलुम भयो रे, उत्कर्ष की 'दीपशिखा' का 'अपकर्ष' तमाम शहर को रुला गया…

दो हंसों का जोड़ा बिछड़ गयो रे गजब भयो रामा जुलुम भयो रे, उत्कर्ष की दीपशिखा का अपकर्ष तमाम शहर को रुला गया…
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हरदोई। 24 फरवरी 2019 वो तारीख थी जब आवास विकास कॉलोनी निवासी ब्राह्मण चेतना समिति के जिला प्रमुख अनिल प्रकाश दीक्षित के पुत्र उत्कर्ष प्रेम नगरी आगरा से मुरारी लाल शर्मा की बीटेक बिटिया दीपशिखा को ब्याह कर लाए थे। मंगल उत्सव में खास और आम सभी साक्षी बने थे, इस युगल के दाम्पत्य जीवन में प्रवेश के। तब सोशल मीडिया बधाई संदेशों से अट गया था ...लेकिन, करवा चौथ की सुबह आए एक दुखद समाचार के बाद संवेदनाओं का जो ज्वार दिखा सोशल मीडिया पर, भावनाएं जिस तरह पूरे वेग पर दिखीं, कम ही दिखता है।

उत्कर्ष दीक्षित के पिता अनिल प्रकाश बड़े किसान हैं हरियावां के। उत्कर्ष पत्रकारिता और राजनीति में हाथ आजमाते रहते हैं। इनका परिवार दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और सूबे में मंत्री रहे राम अवतार दीक्षित का करीबी है। उत्कर्ष और दीपशिखा का प्रेम विवाह था और जोड़ी सोशल मीडिया पर खासी लोकप्रिय थी। उत्कर्ष के दोस्तों के बीच तो दीपशिखा की अलग ही जगह थी, मंत्री रजनी तिवारी के भतीजे ईशान तिवारी की फेसबुक वॉल पर आई इस प्रतिक्रिया, भाभी अब कौन कहेगा कि एक ही तो दिल है कितनी बार लूटोगे, से समझा जा सकता है। दीपशिखा काईट से बीटेक थीं और सिविल परीक्षा की तैयारी कर रहीं थी। दुर्योग से ये सपना आज मेहंदी घाट के गंगा तट पर उत्कर्ष द्वारा मुखाग्नि दिए जाने के साथ पंचतत्व में विलीन हो गया।

इतवार सुबह जब दीपशिखा के देहांत का समाचार सोशल मीडिया पर आना शुरू हुआ तो लोग हतप्रभ रह गए। परिवार के पारुल दीक्षित (भाजपा जिला कार्यसमिति सदस्य) ने भी अपनी वॉल पर दुखद सूचना साझा की। देखते देखते फेसबुक शोक संवेदना की पोस्ट्स से पट गया। पता चला दीपशिखा का 15-20 दिन पहले दिल्ली में देश के सबसे बड़े लीवर के अस्पताल आईएलबीएस में एडमिट कराया गया था। हालत क्रिटिकल होने पर हफ्ते भर से वेंटिलेटर पर थीं। सोमवार सुबह 8.15 बजे दीपशिखा की सांसों की लड़ी बिखर गई और उत्कर्ष के होश-ओ-हवास गुम हो गए। बताते हैं कोई साल छह महीने पहले दीपशिखा को प्रीमेच्योर डिलीवरी हुई थी और कुछ दिन बाद नवजात नहीं रहा था। बताते हैं, दीपशिखा लीवर सिरोसिस से पीड़ित हो गईं थीं। बाद में खतरनाक स्तर तक पीलिया हो गया और रिकवरी नहीं हो सकी।

जिसने सुना आवास विकास का रुख किया : दीपशिखा नहीं रही, इस समाचार ने तमाम शहर को झकझोर दिया। दीपशिखा की पार्थिव देह रविवार देर रात आवास विकास कॉलोनी पहुंची। सुबह उच्च शिक्षा राज्यमंत्री रजनी तिवारी, पूर्व एमएलसी राजपाल कश्यप, वरिष्ठ कांग्रेस नेता रंजन दीक्षित (शाहाबाद विधानसभा क्षेत्र से पार्टी के पूर्व प्रत्याशी), कांग्रेस जिलाध्यक्ष आशीष सिंह, पालिकाध्यक्ष सुखसागर मिश्र 'मधुर', पारुल दीक्षित, नंदीश दीक्षित, शुभम दीक्षित, सचिन दीक्षित के अलावा उत्कर्ष के दोस्तों में ईशान तिवारी, मिलन मिश्रा, गोलू बाजपेई, आशुतोष गुप्ता, केसरी मिश्रा, उमंग शर्मा, निहाल शुक्ला, प्रवीण सिंह, अमित द्विवेदी, तुषांक शुक्ला, नैमिष राज चौहान और गुंजन मिश्रा सहित बड़ी संख्या में लोग पहुंचे और उत्कर्ष के कंधे पर संवेदना का हाथ रखा। सोमवार दोपहर सवा बजे करीब दीपशिखा मेहंदी घाट गंगा तट पर पंचतत्व हो गईं।

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