'ड्यूटी में फ्रैक्चर': हरदोई स्टेशन से फ्रैक्चर ट्रैक पर ट्रेनों को किया रवाना, सदर सांसद ने भेजा डीआरएम को 'रवन्ना'...

हरदोई स्टेशन से फ्रैक्चर ट्रैक पर ट्रेनों को किया रवाना, सदर सांसद ने भेजा डीआरएम को रवन्ना...
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खफा सांसद जयप्रकाश रावत ने मण्डल रेल प्रबंधक से मांगी हफ्ता भीतर रिपोर्ट। 'स्वदेश' के 16 सितम्बर के अंक में प्रमुखता से 'बे-परवाह रेलवे : हरदोई में फ्रैक्चर ट्रैक पर दे दी ट्रेनों को 'हरी बत्ती’ शीर्षक से प्रकाशित समाचार का दिया चिट्ठी में हवाला, कहा- स्पष्ट प्रतीत होता सुरक्षा और संरक्षा के नियम का उल्लंघन...

हरदोई। शनिवार देर शाम फ्रैक्चर रेलवे ट्रैक से सुरक्षा मानकों को ताक पर रखते हुए बरेली वाराणसी और गरीब रथ को डाउन लाइन पर ग्रीन सिग्नल दे रवाना कर दिया गया था। ’स्वदेश’ ने इस बाबत प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किया। सदर सांसद जयप्रकाश रावत ने इसे संवेदनशीलता से लेते हुए मण्डल रेल प्रबंधक (मुरादाबाद) को सोमवार को कड़ी चिट्ठी लिखी। उन्होंने घटना की बाबत जांच आख्या सप्ताह भीतर देने के साथ कार्यवाही सुनिश्चित कर कार्यालय को अवगत कराने को कहा है।

चालू कार्यकाल में सदर सांसद घटनाओं का तुरंत संज्ञान ही नहीं ले रहे हैं, संबंधित को लिखा पढ़ी भी कर रहे हैं। मंडल रेल प्रबंधक को किए ईमेल में सांसद ने कहा है, शनिवार (15 सितम्बर) को हरदोई में फ्रैक्चर ट्रैक पर कर्मचारियों ने ट्रेनों को हरी झंडी दे दी, जिससे अप्रिय बड़ी घटना हो सकती थी। समाचार पत्र की रिपोर्ट के आधार पर यह सुरक्षा और संरक्षा के नियम का उल्लंघन है। नियमतः ट्रैक फ्रैक्चर होता है, तो फ्रैक्चर पता लगाने वाला अधिकारी ट्रैफ़िक रोकेगा और लाइन की सुरक्षा के लिए चालू कार्रवाई की जाएगी।

सांसद ने चिट्ठी में नियमों के हवाले कहा है, संबंधित अधिकारी फ्रैक्चर की सूचना गैंगमेट/कीमैन/पीडब्ल्यूआई को देगा, जो तत्काल पास करने के लिए निकासी व्यवस्था करेगा। इलेक्ट्रिक ट्रेन को तत्काल पारगमन के लिए आपातकालीन निकासी की व्यवस्था होगी। ट्रेन के लिए पहली बार 10 किमी/घंटा और बाद में ट्रेन की गिनती के लिए 20 किमी/घंटा की स्पीड से शुरुआत की जा सकती है। लेकिन, ताजा प्रकरण में बरेली वाराणसी का तो ठहराव है हरदोई रेलवे स्टेशन पर, मान लेते हैं,10 किमी/घंटा की स्पीड से गुजारी गई होगी। किंतु रन थ्रू गरीब रथ को किस तरह फ्रैक्चर ट्रैक से गुजार दिया गया ? जबकि तथ्य प्रकाश में आया है कि प्लेटफॉर्म 3 और 5 खाली थे घटना के समय।


सांसद ने प्रकरण गंभीर बताते हुए कहा, स्थिति विपरीत होने पर प्रतिकूल परिस्थिति बनने की आशंका थी। लिहाजा, प्रकरण को प्राथमिकता से लेते हुए स्पष्ट जांच और कार्यवाही सुनिश्चित कर आख्या अधोहस्ताक्षरी के कार्यालय को सप्ताह भर में प्रेषित करें।

ये थी बेपरवाही... : हरदोई में शनिवार देर शाम रेल महकमे के हाकिमों ने फ्रैक्चर ट्रैक पर दो ट्रेनों को लखनऊ रवाना कर दिया था, जिसमे एक रनथ्रू थी, जबकि तीन और पांच नंबर प्लेटफॉर्म खाली पड़े थे। शाम कोई सवा सात बजे प्लेटफॉर्म नंबर चार पर बरेली वाराणसी एक्सप्रेस आने को थी। तभी यात्रियों की नजर ट्रैक पर गई तो उन्हें गहरी दरारें दिखीं। उन्होंने फ्रैक्चर की जानकारी फौरन से पेश्तर रेल अधिकारियों को दी थी। इसके बाद बरेली वाराणसी एक्सप्रेस को आउटर पर रोक दिया गया। लगा, रेलवे के अफसर पहले सुरक्षा के एहतियाती कदम उठा रहे हैं। लेकिन सैकड़ों यात्रियों का जीवन संकट में डालते हुए आधा घंटा रोकने के बाद बरेली वाराणसी एक्सप्रेस को फ्रैक्चर ट्रैक से ही गुजार दिया। जबकि यह 27 मिनट देरी से 7:14 बजे पहुंची थी और 58 मिनट देरी से लखनऊ रवाना किया गया। इस बीच नॉन स्टॉप गरीब रथ को भी रेलवे प्रशासन ने फ्रैक्चर ट्रैक से ही ग्रीन सिग्नल दे दिया था।

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